एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने 2 मई को अपने पद से निवृत्त होने की इच्छा प्रकट की थी। जिसका एनसीपी में प्रबल विरोध हुआ। नेताओं और कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद नए अध्यक्ष पद के लिए बनी चयन समिति ने सर्व सम्मति से शरद पवार के निवृत्त होने के निर्णय को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद शुक्रवार को शरद पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स में यह घोषणा की है कि वे एनसीपी के अध्यक्ष बने रहेंगे। परंतु, नई पीढ़ी में नेतृत्व क्षमता निर्माण के लिए प्रयत्न किये जाने की घोषणा की है।
क्या कहा शरद पवार ने?
2 मई को मैंने एनसीपी के अध्यक्ष पद से निवृत्त होने का निर्णय घोषित किया था। सार्वजनिक जीवन में 63 वर्षों तक समाजकार्य करने के बाद जिम्मेदारियों से मुक्त होने की इच्छा थी। लेकिन जनसामान्य की तीव्र भावना, एनसीपी कार्यकर्ता और पदाधिकारियों में इससे अस्वस्थता निर्मित हो गई। मैं अपने निर्णय पर फिर विचार करूं इसके लिए मेरे कार्यकर्ता, असंख्य चाहनेवालों ने संगठित होकर, कुछ लोगों ने प्रत्यक्ष मिलकर एक स्वर में मुझसे आह्वान किया। इसके अलावा देश के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी मुझसे अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी पुन: लेने की बिनती की। लोग मेरे साथ हैं यही मेरे सार्वजनिक जीवन की दमक है। मुझसे आपकी भावनाओं का अनादर संभव नहीं है। आपके प्रेम और विश्वास से मैं अभिभूत हूं। अपने निर्णय को वापस लेने की आप सभी की मांग और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा बैठक में लिए गए निर्णय पर विचार करने के बाद मैं फिर अध्यक्ष पद स्वीकार कर रहा हूं। परंतु, इसके बावजूद मैं इस बात पर अटल हूं कि उत्तराधिकारी नियुक्त करना आवश्यक है। मेरा जोर इस पर रहेगा कि, नया नेतृत्व निर्माण हो और नई जिम्मेदारियां सौंपी जाए, इसके लिए मैं सहयोगियों से विचार करुंगा। इसके बाद भी नीतियों को जनसामान्य तक पहुंचाने का मैं प्रयत्न करुंगा। यश अपयश सभी प्रकार के आह्वान का सामना करते हुए आप सभी मेरे साथ रहे इसके लिए आभार। मैं अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी स्वीकार कर रहा हूं।