राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए व्यक्तियों, संगठनों और संघों द्वारा एलेक्टोरल बॉन्ड का उपयोग किया जाता है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के अनुसार, शिवसेना, आप, डीएमके और जेडीयू सहित 14 क्षेत्रीय दलों ने एलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से 2019-20 में 447.49 करोड़ रुपए का चंदा प्राप्त करने की घोषणा की है। यह राशि इन पार्टियों की आय का 50.97 प्रतिशत है। पोल राइट ग्रुप की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2019-20 में देश भर में 42 क्षेत्रीय दलों की कुल आय 877.957 करोड़ रुपए थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, 14 पार्टियों- टीआरएस, टीडीपी, वाईएसआर-सी, बीजेडी, डीएमके, शिवसेना, आप, जेडीयू, एसपी, जेडीएस, शिरोमणि अकाली दल, अन्नाद्रमुक, राजद और जेएमए ने एलेक्टोरल बॉन्ड से चंदा मिलने की घोषणा की।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने खुलासा
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने खुलासा किया है कि 2019-20 में इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए किस क्षेत्रीय पार्टी को सबसे ज्यादा फंड मिला। शिवसेना क्षेत्रीय दलों में दूसरे नंबर पर है। तेलंगाना इस सूची में सबसे ऊपर है। क्षेत्रीय दलों में टीआरएस 130.46 करोड़ रुपए की आय के साथ सूची में सबसे ऊपर है। यह राशि सभी पार्टियों की कुल आय का 14.86 प्रतिशत है। शिवसेना को 111.403 करोड़ रुपए की आय हुई है। वाईएसआर-कांग्रेस ने 92.739 करोड़ रुपए की कमाई की है।
भाजपा को एक तिहाई हिस्सा
भारतीय जनता पार्टी को 2019-20 में इलेक्टोरल बॉन्ड से प्राप्त धन का एक तिहाई हिस्सा मिला है। वर्ष 2019-20 के लिए एलेक्डटोरल बॉन्ड के माध्यम से प्राप्त धन का 74 प्रतिशत अकेले भाजपा को मिला है। कांग्रेस को सिर्फ 9 प्रतिशत फंड मिला है। यह जानकारी केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा मांगी गई जानकारी के आधार पर सामने आई है।
Finding 3:
Comparing income of top 5 parties for FY2019-20 with previous financial yr., AIADMK declared highest increase in its income of Rs 61.506cr or 218.88%, followed by DMK and AAP which declared total increase of Rs 38.557cr or 146.34% and Rs 30.337cr or 157% respectively.— ADR India & MyNeta (@adrspeaks) October 11, 2021
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भाजपा का चंदा 10 गुना हो गया
2019-20 में कुल 3,427 करोड़ इलेक्टोरल बॉन्ड में से भाजपा को 74 प्रतिशत यानी 2,555 करोड़ रुपए मिले हैं। साल 2017-18 में भाजपा को अपने फंड का 71 प्रतिशत इलेक्टोरल बॉन्ड से मिला था। यह 2020 में तीन फीसदी बढ़कर 74 फीसदी हो गया। 2017-18 में भाजपा को 210 करोड़ रुपए बॉन्ड से मिले थे। यह अब 10 गुना बढ़कर 2,555 करोड़ रुपए हो गया है।