बाला साहेब ने स्वतंत्रता के नायक वीर सावरकर का अपमान करने वाले मणिशंकर अय्यर को जूते मारे थे। लेकिन ये महाराष्ट्र का दुर्भाग्य है कि ये लोग आज उसी कांग्रेस के जूते उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे की आलोचना करते हुए कहा कि कुछ नहीं कहा जा सकता कि आगे क्या होगा। वे आजाद मैदान में दशहरा सभा को संबोधित कर रहे थे।
आजाद मैदान में हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे और आनंद दिघे को श्रद्धांजलि देकर शिवसेना की दशहरा सभा का शुभारंभ किया गया। एकनाथ शिंदे ने सभा में उपस्थित विधायकों, जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं को विजयदशमी की शुभकामनाएं दीं। शिंदे ने कहा कि आज महाराष्ट्र में भगवा लहर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब जानते हैं कि कारसेवकों पर गोली किसने चलाई। हम ये भी जानते हैं कि गद्दार कौन है? क्या बाला साहेब के हिंदुत्व का गला घोंटना संभव है? गर्व से कहो हम कांग्रेस के साथ हैं, क्या हम यह काम करेंगे? उन्होंने दर्शकों से ऐसे सवाल भी पूछे।
रमेश प्रभु ने बाला साहेब का वोट देने का अधिकार छीन लिया। ये लोग उन्हें सिर-माथे पर बैठा रहे हैं, हम बाला साहेब की भूमिका लेकर आगे बढ़ रहे हैं। हम दूसरे धर्मों का सम्मान करते हैं। साबिर शेख बाला साहेब के समय में मंत्री थे। हम सत्ता के लिए कभी समझौता नहीं करेंगे। विधायक जन प्रतिनिधित्व लाभ-हानि के प्रति प्रतिबद्ध नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उनकी प्रतिबद्धता केवल पैसे को लेकर है।
विचार अधिक महत्वपूर्ण हैं…
उन्होंने शिवसेना की सभाओं को याद करते हुए कहा कि मैं भी बाला साहेब का भाषण सुनने के लिए सबसे आगे बैठता था। उस समय हम सब धूप में बैठते थे, ढोल बजाते थे और बाला साहेब के विचार सुनते थे और दशहरा सभा में ही बाला साहेब ने ‘गर्व से कहो हम हिंदू हैं’ का नारा दिया था। पूरे देश में हिंदुत्व की लहर फैल गई। हिंदुत्व की जय-जयकार होने लगी। हम सब इसके गवाह हैं। हम सबने इसे हृदय में संजोया, लेकिन बाला साहेब के विचारों को कमजोर नहीं होने दिया। कहां है बाला साहेब की सोच और कहां है सत्ता की लाचारी, विचार राजनीति से अधिक महत्वपूर्ण हैं। बाला साहेब के विचार मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं। भ्रष्टाचार का फायदा उठाने वालों के अब गीत गाए जा रहे हैं। हमारे साथ वो शिवसैनिक हैं, जो बाला साहब के विचारों पर चलते हैं। आज बाला साहेब के विचारों को सम्मान मिल रहा है।