सर्वोच्च न्यायालय शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट की ओर से चुनाव चिह्न पर निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर तीन हफ्ते बाद सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया।
उद्धव ठाकरे गुट ने निर्वाचन आयोग के उस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है, जिसमें 17 फरवरी को शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी गई है।
निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती
याचिका में शिंदे गुट को धनुष बाण चुनाव चिह्न आवंटित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती दी गई है। आयोग ने पाया था कि शिवसेना का मौजूदा संविधान अलोकतांत्रिक है। शिवसेना के मूल संविधान में अलोकतांत्रिक तरीकों को गुपचुप तरीके से वापस लाया गया, जिससे पार्टी निजी जागीर के समान हो गई। इन तरीकों को निर्वाचन आयोग 1999 में नामंजूर कर चुका था। पार्टी की ऐसी संरचना भरोसा जगाने में नाकाम रहती है।
निर्वाचन आयोग के इस आदेश के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। धनुष बाण बाल ठाकरे के समय से शिवसेना का चुनाव चिह्न रहा है।
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