शिवसेना सांसद संजय राउत ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा तैयार किए गए मसौदे का स्वागत किया है। पार्टी के मुखपत्र सामना में उन्होंने इस कदम के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की है। इसके लिए यूपी सरकार को बधाई देते हुए राउत ने कहा कि इसे केवल चुनावी फायदे के लिए नहीं इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
राउत ने इस मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना की । उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार इस कानून का विरोध करते हैं तो भारतीय जनता पार्टी को उनकी सरकार से अलग हो जाना चाहिए।
यूपी-बिहार में जरुरी है जनसंख्या नियंत्रण
महाराष्ट्र में फिर से भाजपा और शिवसेना के एक साथ आने की अटकलों के बीच राउत ने कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश दोनों ही प्रदेशों की जनसंख्या अधिक होने से उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। रोजगार और नौकरी के अभाव में लोगों को दूसरे प्रदेशों में पलायन करना पड़ता है। इसके मद्देनजर इन दोनों प्रदेशों में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू किया जाना चाहिए।
इस तरह कसा तंज
उन्होंने यह भी कहा कि इसे अपमान कहें या बिडंबना कि अगर योगी सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करती है तो उसके खुद के 160 विधायक इस कानून के दायरे में आ जाएंगे। राउत ने कहा कि लोकसभा में चर्चा के लिए एक निजी विधेयक पेश करने वाले सांसद रवि किशन के चार बच्चे हैं। बता दें कि रवि किशन ने कहा है कि वे मानसून सत्र में चर्चा के लिए जनसंख्या नियंत्रण पर एक निजी विधेयक पेश करेंगे।
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मुसलमानों के लिए कही ये बात
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद धर्म आधारित विभाजन के बारे में उन्होंने लिखा कि हिंदुओं को धर्मनिरपेक्षवादी बनने के लिए मजबूर किया गया, जबकि मुसलमानों और अन्य लोगों ने अपनी धार्मिक स्वतंत्रता का आनंद उठाया। राउत ने लिखा, ‘दूसरे धर्म के लोग जनसंख्या नियंत्रण में विश्वास नहीं करते। उनकी भावना एक से अधिक पत्नी रखने और बच्चों को जन्म देने में हैं। देश की आबादी बढ़ी है लेकिन उनमें से अधिकाशं लोग अनपढ़ और बेरोजगार हैं।’