धारावी पुनर्विकास परियोजना (Dharavi Redevelopment Project) के मुद्दे पर इन दिनों महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति गरमाई हुई है। दरअसल, शिवसेना (Shiv Sena) (उबाठा) धारावी पुनर्विकास परियोजना का विरोध कर रही है और पार्टी ने आज इसे लेकर धारावी (Dharavi) में मोर्चा (Front) निकाला। चूंकि धारावी के पुनर्विकास का काम अडानी समूह (Adani Group) को दिया गया था। इस काम को रद्द कर म्हाडा, सिडको और एमएमआरडीए या अन्य से कराने की मांग को लेकर शिवसेना उबाठा गुट के नेता उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व में मोर्चा निकाला गया।
आपको बता दें कि शुरुआत में शिवसेना ने ऐलान किया था कि वह खुद यह मोर्चा निकालेगी, लेकिन जब धारावी में शिवसेना की ताकत कम हो गई तो उबाठा गुट ने कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी की मदद से इस मोर्चा को बड़ा बनाने की कोशिश की। देखा गया कि यह भीड़ खासतौर पर मुंबई समेत आसपास के शहरों से आए विधायकों और उनके कार्यकर्ताओं ने जुटाई थी।
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मार्च का नेतृत्व उद्धव ठाकरे ने किया
धारावी के टी जंक्शन से शुरू हुआ यह मोर्चा बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में अडानी के कार्यालय के नीचे से गया। इस मोर्चा का नेतृत्व शिवसेना उबाठा गुट प्रमुख उद्धव ठाकरे ने किया। कांग्रेस की मुंबई अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़, पूर्व मंत्री और विधायक अनिल परब, आदित्य ठाकरे, पार्टी नेता संजय राउत, विनायक राउत, कम्युनिस्ट पार्टी के नेता और पदाधिकारी उपस्थित थे।
डर के मारे लोग मोर्चा में आये!
मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस, उबाठा गुट और अन्य पार्टियों ने धारावी के लोगों को इस मोर्चा में शामिल होने के लिए मजबूर किया है। कुछ निवासियों के अनुसार, इस परियोजना के कारण हमारा घर ध्वस्त हो जाएगा, इसलिए यदि हम इस घर को ध्वस्त होने से बचाना चाहते हैं, तो हमें इस मोर्चा में आना होगा। इसलिए हर चाल समिति और समाज ने निवासियों को ऐसे निर्देश दिए हैं, इसलिए निवासियों का कहना है कि हम इस मोर्चा में आए हैं। हालांकि कुछ कुटीर उद्योग निवासियों के घर पात्र हैं, लेकिन उन्हें उस क्षेत्र का स्थान नहीं मिलेगा जिसका आप वर्तमान में उपयोग कर रहे हैं, लेकिन यदि आप एक बड़ा स्थान चाहते हैं, तो आपको इस कार्यक्रम में भाग लेना होगा, इसलिए इन लोगों ने भी इसमें भाग लिया। तो एक तरह से यहां के लोगों में यह चर्चा सुनने को मिल रही थी कि इस मोर्चा की भीड़ एक तरह का डर पैदा करके बढ़ाई गई थी कि उनके घर तोड़ दिए जाएंगे और उन्हें बड़े घर नहीं मिलेंगे।
मोर्चा में भीड़ बढ़ाने के लिए धारावी के बाहर से लोग आए थे
यह मोर्चा धारावी के लोगों के लिए ही था। हालांकि, आखिरी वक्त में इस मोर्चा को सर्वदलीय बनाने का फैसला किया गया, लेकिन असल में इसमें शिवसैनिकों से ज्यादा कांग्रेस और अन्य पार्टियों के कार्यकर्ता थे। यह भी देखा गया कि इस मोर्चा में शिवसेना उबाठा के विधायकों और पूर्व नगरसेवकों और पदाधिकारियों की मौजूदगी बढ़ाकर भीड़ बढ़ाने की कोशिश की गई। जहां एक तरफ सर्वदलीय मार्च था, वहां कांग्रेस के असलम शेख के अलावा कोई नहीं था, लेकिन शिवसेना उबाठा गुट के विधायक, नेता, उपनेता, युवा सेना के पदाधिकारी सभी मौजूद थे। दिलचस्प बात यह है कि इस भीड़ को इकट्ठा करने के लिए धारावी के बाहर मुंबई, ठाणे और विरार के शिवसैनिक भी शामिल हुए हैं।
उद्धव ठाकरे ने झाड़ा अपना पल्ला
बैठक में बोलते हुए उद्धव ठाकरे ने चेतावनी दी कि वह आज मुंबई के धारावी तक मोर्चा करेंगे, अगर समय आया तो वह पुरे महाराष्ट्र में मोर्चा करेंगे। धाराविकरों को वहीं 500 वर्ग फीट का घर मिलना चाहिए। उन्होंने धारावी को बीडीडी की तरह विकसित करने की मांग करते हुए यह भी आरोप लगाया कि 2018 में धारावी को लेकर जो फैसला लिया गया था, उसमें हम शामिल नहीं थे, यह फैसला तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लिया था। 2014 में भाजपा -शिवसेना गठबंधन सरकार बनी थी और इसमें आधे मंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना से थे। इसलिए उस वक्त विरोध न करने वाली शिवसेना ने अब देवेंद्र फडणवीस के नाम पर उस पाप का तोड़ निकालने की कोशिश की है। कांग्रेस मुंबई अध्यक्ष और विधायक वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि हम धारावी का विकास चाहते हैं, लेकिन अगर अडानी कंपनी यह सब करेगी तो हम इसके खिलाफ हैं। उन्होंने यह भी पूछा कि अडानी ने मुंबई के लिए क्या किया है।
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