शिवसेना का शिंदे गुट राज्य सरकार में शामिल हो गया है। इसको लेकर शिवसेना के घर में दो फाड़ हो गए हैं, एक गुट है मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का तो दूसरा है शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे का। परंतु, शिंदे गुट अपने आपको बालासाहेब ठाकरे का अनुयायी मानता है और उद्धव ठाकरे परिवार पर टिप्पणियां हुईं तो वह सरकार की भी चिंता नहीं करेगा। इसका सामान्य जनों में जो संदेश यही है कि, सत्ता में भले ही हों, परंतु न दल बदला है और न ही, दिल बदला है।
एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि उद्धव ठाकरे तथा उनके परिवार के विरुद्ध किसी भी तरह का अपमानजनक वक्तव्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। केसरकर ने कहा कि शिंदे समूह आज भी उद्धव ठाकरे को अपना परिवार प्रमुख मानता है और परिवार प्रमुख का अपमान होने पर शिंदे समूह सरकार की परवाह नहीं करेगा।
गुवाहाटी का वो वादा दिलाया याद
दीपक केसरकर ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि भाजपा नेता किरीट सोमैया ने हाल ही में उद्धव ठाकरे के विरुद्ध अपमानजनक वक्तव्य दिया था, इसकी शिकायत उन्होंने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से की थी। दीपक केसरकर ने पत्रकारों को बताया कि जब शिवसेना के सभी बागी विधायक गुवाहाटी में थे, तभी राज्य में सत्ता बदल की चर्चा हुई थी। उस समय यह शर्त रखी गई थी कि कोई भी उद्धव ठाकरे तथा उनके परिवार के विरुद्ध अपमानजनक बात नहीं करेगा।
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देवेंद्र फडणवीस ने इस संबंध में किरीट सोमैया से बात की और उन्हें उद्धव ठाकरे तथा उनके परिवार के विरुद्ध अपमानजनक वक्तव्य न देने का आदेश दिया है। इसके बाद किरीट सोमैया ने उन्हें फोन किया और कहा कि गुवाहाटी की बात की जानकारी न होने से ऐसा हो गया है लेकिन इसके आगे ऐसा नहीं होगा।
शिवसेना का शिंदे गुट अपने आपको मूल शिवसेना ही कहता है। उनका कहना है कि, वे बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व के विचारों को लेकर ही कांग्रेस और एनसीपी से अलग हुए हैं और समविचारी नैसर्गिक गठबंधन भाजपा से किये हैं।