महाराष्ट्र की वह सांसद जाति में फर्जी करार, उच्च न्यायालय ने लगाया दंड

अभिनेत्री के रूप में प्रचलित नवनीत राणा 2019 में अमरावती आरक्षित संसदीय सीट से चुनाव लड़ी थीं। इसमें उन्होंने हैवीवेट शिवसेना नेता नेता आनंदराव अडसूल को पराजित किया था।

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अमरावती से सांसद रही नवनीत राणा को उच्च न्यायालय से बड़ा झटका लगा है। न्यायालय ने जाति वैधता प्रमाणपत्र को लेकर चल रहे प्रकरण में निर्णय सुनाते हुए उसे फर्जी करार दिया है। इसके कारण नवनीत राणा का सांसदत्व समाप्त हो गया है। न्यायालय ने अपने आदेश में नवनीत राणा पर आर्थिक दंड भी लगाया है।

अमरावती संसदीय सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी, यहां से निर्दलीय प्रत्याशी नवनीत राणा ने जीत प्राप्त की थी। नवनीत राणा के जाति प्रमाण पत्र की वैधता को चुनौती देनेवाली याचिका आनंदराव अडसुल ने दायर की थी। उच्च न्यायालय ने इस प्रकरण में सुनवाई करते हुई उसे फर्जी करार दिया है, इसके अलावा नवनीत राणा पर दो लाख रुपए का दंड भी लगाया है। नवनीत राणा को 6 सप्ताह में प्रशासन के पास अपना जाति प्रमाण पत्र जमा कराने का आदेश दिया है।

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अब यह मार्ग अपना सकते हैं
नवनीत राणा के पास उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का मार्ग है। 2014 के चुनाव में आनंदराव अडसूल ने नवनीत राणा को पराजित किया था, लेकिन 2019 के संसदीय चुनाव में नवनीत राणा ने 36 हजार मतों से आनंदराव अडसूल को हरा दिया। 2017 में ही नवनीत राणा के जाति प्रमाण पत्र को लेकर एक याचिका दायर की गई थी। आरोप है कि नमनीत राणा के दादा से सभी का जाति प्रमाण पत्र फर्जी है।

अब यह कार्य भी करेंगे अडसूल
नवनीत राणा के जाति प्रमाण पत्र को रद्द किये जाने का बाद शिवसेना नेता आनंदराव अडसूल ने कहा है कि वे फर्जी जाति प्रमाण पत्र पेश करने के मुद्दे पर आपराधिक मामला भी पंजीकृत कराएंगे। उनका दावा है कि अब नवनीत राणा का संसदत्व समाप्त हो जाएगा।

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