केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा एकनाथ शिंदे को शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह देने के आदेश के बाद मंगलवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। इसमें पार्टी के सभी सांसद और विधायक शामिल हुए हैं। उनके पास वर्तमान में चालीस विधायक और तेरह सांसद हैं। इसके अलावा पार्टी के कार्यकर्ता शामिल हुए। यह बैठक ताज प्रेसिडेंट में हुई।
कार्यकारिणी बैठक के मंच पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ, रामदास कदम, गजानन कीर्तिकर, उदय सामंत, भारत गोगावले, प्रतापराव जाधव, आनंदराव अडसुल और गुलाबराव पाटील बैठे थे। इस बैठक में पारित प्रस्ताव इस प्रकार है।
- एकनाथ शिंदे के पास एकमत से शिवसेना पार्टी का सर्वाधिकार
- मुख्यनेता पद पर रहेंगे एकनाथ शिंदे
- स्वातंत्र्यवीर सावरकर को भारत रत्न देने का प्रस्ताव, शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर ने प्रस्तुत किया प्रस्ताव
- मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा
- किलों के संवर्धन के लिए सरकार उठाए कदम
- छत्रपति संभाजी राजे, जिजाऊ माता को राष्ट्र पुरुषों की सूची में शामिल करें
- चर्चगेट स्टेशन कों चिंतामण राव देशमुख का दिया जाए नाम
- 80 प्रतिशत भूमिपुत्रों को नौकरी का प्रस्ताव
- यूपीएससी/एमपीएससी के अध्ययनरत् छात्रों को सरकार के सहायता, गांवों में प्रशिक्षण वर्ग का निर्माण
- बालासाहेब ठाकरे की संकल्पों को आगे बढ़ाया जाए
- अनुशासन समिति (शिस्त भंग) का गठन, जिसमें अध्यक्ष दादा भुसे, सदस्य शंभुराज देसाई, संजय मोरे की नियुक्ति
- सिद्धेश रामदास कदम की शिवसेना सचिव पद पर नियुक्ति
- किसी भी दल से युति में बालासाहेब ठाकरे की नीतियों के अनुसार निर्णय
बता दें कि, पूर्व की शिवसेना में कार्याध्यक्ष पद पर उद्धव ठाकरे थे, इस बीच पार्टी में दो गुट बन गए। जिसमें से दो तिहाई से अधिक जनप्रतिनिधियों वाले गुट को पार्टी का नाम व चुनाव चिन्ह मिल गया। इस बीच कार्याध्यक्ष उद्धव ठाकरे का कार्यकाल भी समाप्त हो गया। अब शिवसेना का संपूर्ण अधिकार एकनाथ शिंदे के पास है।
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