Shubhanshu Shukla: भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) इतिहास रचने जा रहे हैं, क्योंकि वे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) (ISS) के मिशन पर जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री (Indian Astronaut) बनेंगे। शुक्ला इस साल के अंत में लॉन्च होने वाले एक्सिओम मिशन 4 (Axiom Mission 4) (एक्स-4) के पायलट होंगे। वे अंतरिक्ष में योग करेंगे और अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों को कुछ देसी व्यंजन भी परोसेंगे। 1984 में अंतरिक्ष में गए विंग कमांडर राकेश शर्मा के बाद शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन जाएंगे।
इससे पहले, उन्हें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए आगामी भारत-अमेरिका मिशन के लिए चुना गया था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पहले एक घोषणा में कहा था कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और प्रशांत बालकृष्णन नायर को ISS के मिशन के लिए चुना गया है। इसरो ने कहा कि शुभांशु के नाम की सिफारिश प्राथमिक अंतरिक्ष यात्री के रूप में की गई है, जबकि नायर उनके बैकअप होंगे।
यह भी पढ़ें- Punjab: फिरोजपुर में पिकअप वैन के ट्रक की टक्कर में नौ लोगों की मौत, कई अन्य घायल
भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला कौन हैं?
शुक्ला भारतीय वायु सेना में एक प्रतिष्ठित पायलट हैं, और इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, वह अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुने जाने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन गए हैं। उन्हें भारत के पहले मानव अंतरिक्ष यान मिशन, गगनयान के लिए चार पायलटों में से एक के रूप में चुना गया था। उनका जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, शुक्ला को जून 2006 में एक लड़ाकू पायलट के रूप में भारतीय वायु सेना (IAF) में कमीशन दिया गया था। वह मार्च 2024 में ग्रुप कैप्टन बने। उन्होंने Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और An-32 सहित विभिन्न लड़ाकू जेट विमानों पर अनुभव प्राप्त किया है।
यह भी पढ़ें- Budget 2025: गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए विशेष प्रावधान, PM मोदी का बड़ा संकेत
शुभांशु शुक्ला के माता-पिता ने उनके चयन पर क्या प्रतिक्रिया दी
भारत-अमेरिका मिशन के लिए उनके चयन पर, उनके पिता, सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी शंभू दयाल शुक्ला ने कहा कि परिवार अभियान को लेकर घबराया हुआ नहीं है, बल्कि उनकी उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहा है। उनकी मां आशा शुक्ला ने अपने सबसे छोटे बेटे शुभांशु को “शांत दिमाग वाला” बताया, जो बिना अपना आपा खोए हर स्थिति को संभाल लेता है।
शंभू ने क्या कहा ?
पीटीआई से बात करते हुए शंभू ने कहा, “हम बहुत खुश हैं और उसकी उपलब्धियों पर गर्व महसूस करते हैं। हम ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि मिशन सफल हो, जिसका हमें पूरा भरोसा है। देश के लोग भी अपना आशीर्वाद दे रहे हैं।” बचपन से ही अंतरिक्ष के प्रति किसी झुकाव के बारे में पूछे जाने पर उनके पिता ने कहा, “वास्तव में नहीं।”
यह वीडियो भी देखें-
Join Our WhatsApp Community