एक तरफ पश्चिम बंगाल सरकार राज्य के 100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कामगारों का बकाया केंद्र से नहीं मिलने को लेकर हमलावर है तो दूसरी तरफ राज्य सरकार पर अपने ही कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं देने के गंभीर आरोप नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने लगाया है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में विलेज रिसोर्स पर्सन यानी ग्राम संसाधन कर्मचारियों (वीआरपी) को वेतन पिछले तीन महीने से नहीं मिला है। इस बावत 14 अक्टूबर को शुभेंदु अधिकारी ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर एक वीआरपी कमी के खाते का फोटो डाला है। इसमें देखा जा सकता है कि जुलाई महीने में आखिरी बार वेतन मिला था और उसके बाद कोई सैलरी नहीं आई है।
शुभेंदु ने सोशल मीडिया पर लिखा कि त्यौहारी सीजन में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा ग्राम संसाधन कर्मचारियों (वीआरपी) को ”संसाधनहीन” छोड़ दिया गया है। पश्चिम बंगाल में वीआरपी के तौर पर 25 हजार 40 लोग कार्यरत हैं, जिन्हें पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है।
वीआरपी सरकार की आंख और कान
उन्होंने आगे लिखा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न विकास योजनाओं के परिणाम का आकलन करने के लिए सामाजिक लेखा (सोशल ऑडिट) परीक्षा आयोजित करने के लिए ग्राम संसाधन कर्मचारियों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है। केंद्र और राज्य सरकारों के लिए, योजनाएं बनाने और संशोधित करने के लिए जमीनी डेटा एकत्र करना बेहद महत्वपूर्ण है। वीआरपी सरकार की आंख और कान के रूप में कार्य करते हैं जो पारदर्शी रूप से रिपोर्ट करते हैं कि जमीनी स्तर पर योजनाओं को कैसे लागू किया जा रहा है।
अतिरिक्त कार्यों के लिए वीआरपी का उपयोग
पश्चिम बंगाल में, वीआरपी का उपयोग अतिरिक्त कार्यों के लिए भी किया गया था, जो उनकी नौकरी की जिम्मेदारियों के अंतर्गत शामिल नहीं हैं। जैसे डेंगू जैसी वेक्टर जनित बीमारियों के प्रसार के बारे में जागरूक करना और सरकार को रिपोर्ट देना। उन्हें केवल पांच हजार 250 रुपये प्रति माह की मामूली राशि का भुगतान किया जाता है। उन्हें पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। दिवालिया राज्य सरकार ने उनका भुगतान नहीं किया है। मैंने उदाहरण के तौर पर एक वीआरपी से संबंधित बैंक पासबुक की प्रति संलग्न की है।
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बोनस राशि के साथ लंबित वेतन जारी करने का अनुरोध
राज्य सरकार के अधिकारियों से विशेष तौर पर अनुरोध करते हुए शुभेंदु ने लिखा है कि मैं राज्य के मुख्य सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी (आईएएस), अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त विभाग मनोज पंत (आईएएस), अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. एम.वी.राव (आईएएस) और डॉ. पी उलगनाथन (आईएएस) सचिव; पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से वीआरपी के लंबित वेतन को 17 अक्टूबर (पूजा अवकाश से पहले अंतिम कार्य दिवस) से पहले बोनस राशि के साथ जारी करने का अनुरोध कर रहा हूं।
शुभेंदु ने कहा है कि अगर ऐसा हुआ तो वीआरपी कर्मचारियों के परिवार में भी दुर्गा पूजा के सीजन में आनंद का माहौल होगा।
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