सर्वोच्च न्यायालय में सिक्किम के नेपाली समुदाय के खिलाफ की गई टिप्पणी के बाद राज्य में सत्ताधारी एसकेएम पार्टी और मुख्य विपक्षी दल एसडीएफ अब आमने-सामने आ गए हैं। आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब हिंसक घटनाएं भी होने लगी हैं। 5 फरवरी को एसडीएफ पार्टी के कार्यालय पर पथराव किया गया। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
दक्षिण सिक्किम के नाम्ची में 3 फरवरी को राज्य की विपक्षी पार्टी एसडीएफ के कार्यालय पर पथराव किया गया। एसडीएफ ने दावा किया कि कार्यालय पर पथराव के साथ पेट्रोल बम भी फेंके गए। अभी तक इस घटना में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
सत्तारूढ़ एसकेएम पार्टी पर आरोप
एसडीएफ ने इस घटना के लिए सत्तारूढ़ एसकेएम पार्टी पर आरोप लगाया है। इससे पहले शनिवार को भी राजधानी गंगटोक में एसडीएफ के मुख्यालय पर कुछ लोगों ने पथराव किया था। एसडीएफ मुख्यालय से सटे पार्टी अध्यक्ष पवन चामलिंग के आवास पर भी पथराव किया गया। पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। एसडीएफ ने इस हमले के लिए भी एसकेएम को जिम्मेदार ठहराया है।
सिक्किम बंद का ऐलान
दरअसल, 4 फरवरी को सत्ताधारी एसकेएम पार्टी का 11वां स्थापना दिवस था। इसके मद्देनजर निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस बीच विपक्षी एसडीएफ पार्टी ने 4 और 5 फरवरी को दिन के लिए सिक्किम बंद का ऐलान किया था। एसडीएफ का दावा है कि यह बंद सुप्रीम कोर्ट के फैसले के प्रति नाराजगी जताने के लिए किया गया है।
यह है मामला
सिक्किम के ओल्ड सेटलर्स (व्यापारी समुदाय) ने वर्ष 2013 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर सिक्किमियों (भोटिया, लेप्चा, नेपाली) के समान आयकर छूट की मांग की थी। करीब दस साल बाद 13 जनवरी, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने ओल्ड सेटलर्स के पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सिक्किम के नेपाली समुदाय को विदेशी बताने संबंधी एक टिप्पणी की है। इस टिप्पणी को लेकर राज्य में प्रदर्शन चल रहे हैं।