UP Politics: औरंगजेब प्रेम रखने वाले अबू आजमी का यूपी में उपचार? जानिये सीएम योगी ने क्या कहा

5 मार्च को विधान परिषद में बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अबू आजमी के बयान पर सपा को आड़े हाथों लेते हुए जमकर फटकार लगाई।

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UP Politics: महाराष्ट्र(Maharashtra) में समाजवादी पार्टी(Samajwadi Party) के विधायक अबू आजमी(MLA Abu Azmi) के मुगल बादशाह औरंगजेब(Mughal emperor Aurangzeb) की प्रशंसा करने वाले बयान ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी हलचल(Movement in politics too) मचा दी है। 5 मार्च को विधान परिषद में बजट सत्र(Budget session) के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(Chief Minister Yogi Adityanath) ने अबू आजमी के बयान पर सपा को आड़े हाथों लेते हुए जमकर फटकार लगाई। योगी ने सपा से अपने विधायक को तत्काल पार्टी से निलंबित करने और उसे उत्तर प्रदेश भेजने की मांग की, साथ ही चेतावनी दी कि यूपी ऐसे लोगों का इलाज करने में देरी नहीं करता।

सपा पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि सपा भारत की सांस्कृतिक विरासत पर गर्व नहीं करती और अपने मूल विचारक डॉ. राम मनोहर लोहिया के सिद्धांतों से भटक गई है। डॉ. लोहिया ने भारत की एकता के तीन आधार बताए थे- श्रीराम, श्रीकृष्ण और भगवान शिव, लेकिन आज सपा औरंगजेब जैसे क्रूर शासक को अपना आदर्श मान रही है। योगी ने औरंगजेब के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि उसने अपने पिता शाहजहां को आगरा किले में कैद कर पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसाया था। उन्होंने सपा नेताओं को पटना की लाइब्रेरी में शाहजहां की जीवनी पढ़ने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि शाहजहां ने औरंगजेब को कहा था कि तुम से अच्छा तो हिन्दू है जो जीते जी तो अपने बुजुर्ग मां-बाप की सेवा करता है और मृत्युपरांत वर्ष में एक बार श्राद्ध करते हुए मां-बाप को जल अर्पित करता है। सीएम ने कहा कि जिन लोगों का आचरण औरंगजेब जैसा है वो उसपर गर्व कर सकते हैं।

औरंगजेब ने की भारत का इस्लामीकरण की कोशिश
मुख्यमंत्री योगी ने सपा पर भारत की आस्था पर प्रहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि औरंगजेब ने जजिया कर लगाया, मंदिर तोड़े और भारत का इस्लामीकरण करने की कोशिश की। कोई सभ्य मुसलमान अपने बेटे का नाम औरंगजेब नहीं रखता, क्योंकि उसे पता है कि वह उसे एक एक बूंद पानी के लिए तरसा देगा। उन्होंने सपा से सवाल किया कि वह महाकुम्भ जैसे आयोजन की आलोचना करती है और दूसरी ओर औरंगजेब जैसे ‘दुर्दांत और धर्मांध’ शासक का महिमामंडन करती है। मुख्यमंत्री ने सपा को चुनौती दी कि वह अपने विधायक (अबू आजमी) को पार्टी से निकाले और उसे यूपी भेजे, यहां उसका ‘उपचार’ किया जाएगा। उन्होंने सदन में पूछा कि जो छत्रपति शिवाजी की परंपरा पर लज्जा महसूस करता हो और औरंगजेब को नायक मानता हो, क्या उसे भारत में रहने का अधिकार है ?

आजमी ने की थी औरंगजेब की सराहना
उल्लेखनीय है कि यह विवाद तब शुरू हुआ जब महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी ने औरंगजेब को ‘महान प्रशासक’ बताते हुए उसकी प्रशंसा की थी। इस बयान के बाद यूपी विधान परिषद् में मुख्यमंत्री ने सपा को आड़े हाथ लिया है।

महाकुम्भ ने बदली यूपी की अर्थव्यवस्था
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में महाकुम्भ के आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह आयोजन न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विरासत को विकास से जोड़ने’ के मंत्र की सराहना की और बताया कि काशी, अयोध्या और प्रयागराज जैसे तीर्थस्थलों ने इस बार रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित किया, जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका में अभूतपूर्व वृद्धि हुई।

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काशी बनी श्रद्धालुओं की पसंद
सीएम योगी ने कहा कि 2019 से पहले काशी में श्रद्धालुओं की संख्या सीमित थी, लेकिन काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद काशी ने नया रूप लिया। 13 जनवरी से 27-28 फरवरी तक काशी पूरी तरह पैक रही। रोजाना पांच से 25 लाख श्रद्धालु पहुंचे, मां गंगा में स्नान किया और काशी के वैभव से अभिभूत हुए। काशीवासियों के आतिथ्य सत्कार और धैर्य को भी सराहा। अयोध्या में भी यही स्थिति रही, जहां प्रतिदिन पांच से 15 लाख श्रद्धालु पहुंचे। योगी ने कहा कि अयोध्या के नागरिकों और संतों ने अपनी सुविधाओं की परवाह न करते हुए श्रद्धालुओं का स्वागत किया। प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान 28-29 जनवरी को 2 लाख वाहनों को आसपास के जनपदों में रोका गया, जहां स्थानीय लोगों ने भोजन और पानी की व्यवस्था की।

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