Maharashtra के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर(Assembly Speaker Rahul Narvekar) ने सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) में आदेश पर आख़िरकार 10 जनवरी को 16 विधायकों की अयोग्य ठहराने वाली याचिका खारिज(Disqualification petition of 16 MLAs rejected) कर दी है। नार्वेकर ने शिंदे गुट के विधायकों को अयोग्य नहीं(Shinde group MLAs not disqualified) माना, बल्कि शिंदे गुट को ही असली शिवसेना(Shinde faction is the real Shiv Sena) माना है।
शिंदे गुट ही असली शिवसेना
राहुल नार्वेकर ने 10 जनवरी को 16 विधायकों की अयोग्य ठहराने वाली याचिका पर अपना निर्णय विधानमंडल में सुनाया। उन्होंने अपने फैसले में कहा कि तमाम सबूतों का अध्ययन करने के बाद वे इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि शिवसेना (शिंदे समूह) ही असली शिवसेना है। बहुमत के आधार पर एकनाथ शिंदे ही पार्टी के नेता हैं, इसलिए चीफ व्हिप भरत गोगावले की नियुक्ति सही(Chief Whip Bharat Gogavale’s appointment is correct) है।
याचिका खारिज करने के बताए कारण
राहुल नार्वेकर ने कहा कि सुनील प्रभू की याचिका पर सुनवाई(Hearing on Sunil Prabhu’s petition) के समय प्रस्तुत किए गए दस्तावेज से पता चलता है कि शिवसेना प्रमुख का चुनाव वोटिंग के आधार पर नहीं किया गया था। किसी भी पार्टी प्रमुख को अपने मन के आधार पर निर्णय लेने का अधिकार नहीं रहता है। पार्टी प्रमुख के पास किसी को पार्टी से निकालने का अधिकार नहीं है, यह अधिकार पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को है। इस मामले में एकनाथ शिंदे को नेता पद से हटाने का निर्णय शिवसेना राष्ट्रीय कार्यकारिणी में नहीं लिया गया है। इसी वजह एकनाथ शिंदे की ओर चीफ व्हिप के पद पर भरत गोगावले की नियुक्ति सही पाई गई है।
Economy: भारत कब तक बनेगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था? वित्त मंत्री सीतारमण ने किया ये दावा
भरत गोगावले का ही व्हिप मान्य
इसी तरह विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव के समय भी भरत गोगावले का ही व्हिप मान्य है। राहुल नार्वेकर ने कहा कि याचिका की सुनवाई के समय सुनील प्रभू वकील महेश जेठमलानी के प्रश्रों का उत्तर नहीं दे सके थे। साथ ही सुनील प्रभू की ओर से पेश किए गए कागज भी सही नहीं पाए गए थे। इन्हीं कारणों से एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली याचिका खारिज की गई है।