श्रीलंका (Sri Lanka) ने अपने जल क्षेत्र में चीनी अनुसंधान पोतों (Chinese research vessels) के रुकने पर भारत (India) द्वारा जासूसी की चिंता (spying concerns) जताए जाने के बीच विदेशी अनुसंधान जहाजों के प्रवेश पर एक साल के लिए रोक (bans) लगाने की घोषणा की है। यह रोक जाहिर तौर पर क्षमता निर्माण के लिए लगाई गई है, लेकिन इसे भारत में बढ़ती चिंताओं की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।
संयुक्त शोध में बराबर क्षमता बनाने की अनुमति
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता निलुका कडुरुगामुवा ने शुक्रवार को बताया कि रोक सभी देशों से संबंधित है और स्थानीय शोधकर्ताओं को संयुक्त शोध में अपने विदेशी समकक्षों के बराबर क्षमता बनाने की अनुमति देगा। हाल के वर्षों में चीन और श्रीलंका की एजेंसियों के बीच हुए समझौतों के आधार पर अनुसंधान के लिए चीनी जहाज कोलंबो में रुके हैं।
भारत ने जताई थी निगरानी की आशंका
पिछले अक्टूबर में, चीनी अनुसंधान जहाज ‘शि यान 6’ कई दिनों तक कोलंबो बंदरगाह में रुका था, जबकि 2022 में नौसेना का जहाज ‘युआन वांग 5’ दक्षिणी श्रीलंका के हंबनटोटा में रुका था। भारत में आशंका थी कि इन जहाजों का इस्तेमाल भारतीय क्षेत्र की निगरानी के लिए किया जा सकता है। चीन श्रीलंका में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, जो दुनिया के सबसे व्यस्त नौवहन मार्गों में से एक पर स्थित है, जिसे भारत उसके लिहाज से अहम रणनीतिक क्षेत्र मानता है। (हि. स.)
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