महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने आज महाराष्ट्र में राज्यव्यापी आंदेलन शुरू किया है, लेकिन पुलिस ने उसे इसकी मंजूरी नहीं दी है। मिल रही खबरों के अनुसार मनसे नेता-कार्यकर्ता मंजूरी नहीं मिलने के बावजूद विरोध प्रदर्शन करने सड़क पर उतरे हैं। पुलिस ने कई मनसे कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। हालांकि इस मोर्च में पार्टी प्रमुख राज ठाकरे शामिल होंगे या नहीं, इस बारे में अभी भी संशय बना हुआ है।
बंपर बिजली बिल के विरोध में प्रदर्शन
मनसे का यह प्रदर्शन कोरोना की वजह से राज्य में लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान उपभोक्ताओं को कई गुना ज्यादा बिजली बिल भेजने के विरोध में है। मनसे इसे लेकर शुरू से ही काफी आक्रामक रही है। इस मामले में राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से भी मुलाकात की थी। महाहिम ने उन्हें इस प्रकरण में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार से मिलने की सलाह दी थी। राज ठाकरे ने इस बारे में पवार से बात की थी और उन्होंने इसकी लिखित में निवेदन देने को कहा था, लेकिन मनसे द्वारा लिखित निवेदन देने के बावजूद पवार या राज्य सरकार ने लोगों को राहत देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। इस वजह से मनसे की नाराजगी बढ़ गई और पार्टी के नेताओं ने राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया।
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कोरोना की वजह से धरना-प्रदर्शन पर रोक
समझा जा रहा है कि पुलिस प्रशासन ने कोरोना संक्रमण की वजह से विरोध प्रदर्शन की इजाजत देने से मना कर दिया है। दिवाली और छठ पूजा के बाद राज्य और खासकर मुंबई व पुणे में कोरोना संक्रमण में वृद्धि हुई है। उद्धव सरकार को दिल्ली की हालत को देखते हुए यहां भी कोरोना की दूसरी लहर आने का डर सता रहा है। इस वजह से जहां उसने मुंबई में स्कूलों को खोलने पर फिलहाल 31 दिसंबर तक पाबंदी लगा दी है, वहीं उसने मुंबई को छोड़कर राज्य के दूसरे भागों में यह जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन पर डाल दी है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने आम लोगों को लोकल ट्रेनों में यात्रा करने पर लगी रोक को हटाने से भी इनकार किया है।
जांच के आदेश देने की कही बात
बंपर बिजली बिल को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंत्रियों की बैठक बुलाई थी, लेकिन इस बारे में बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। सरकार की ओर से बताया गया कि सीएम ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। हालांकि ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने में शिवसेना और एनसीपी द्वारा सहयोग न किए जाने का आरोप लगाया था लेकिन बाद में जब उन पर प्रेशर आया तो उन्होंने यू टर्न ले लिया। फिलहाल बंपर बिजली बिल को लेकर उपभोक्ताओं को कोई राहत मिलती नहीं नजर आ रही है।