राज्य की राजनीति नई करवट ले रही है। समाजवादी पार्टी गठबंधन की एक-एक गांठ खुल रही है। राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार को समर्थन देने की घोषणा सुहेलदेव भारतीय समाज पक्ष के अध्यक्ष ने की है। इसी के साथ सपा (साइकिल) का गठबंधन भी लड़खड़ा गया है।
राज्य में सुहेलदेव भारतीय समाज पक्ष (सुभासप) के छह विधायक हैं। इसके अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर सपा से नाराज हैं। वे अखिलेश यादव द्वारा बैठकों में न बुलाए जाने से खिन्न हैं, यही नाराजगी अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव की भी है। जो समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़कर जीते हैं। लेकिन उन्हें भी सपा की बैठकों में नहीं बुलाया जाता है। इन दोनों नेताओं को विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की प्रचार यात्रा में भी नहीं बुलाया गया था। इससे इनकी नाराजगी बढ़ गई। जिसकी परिणति अब गठबंधन टूटने तक पहुंच गई है।
सुभासप करेगी मुर्मू को मतदान
ओमप्रकाश राजभर ने प्रेस वार्ता करके एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि, मुर्मू ने समर्थन मांगा था। इसके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भोज पर बुलाया और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का फोन भी आया था। इन सभी नेताओं ने राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू को मत देने का आग्रह किया है। ऐसी स्थिति में जिसने मत मांगे हैं, उन्हें मतदान किया जाएगा।
योगी के भोज में थे राजभर
राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने उत्तर प्रदेश की यात्रा की थी। उस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक भोज का आयोजन किया था, जिसमें सुभासप के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सपा विधायक शिवपालसिंह यादव सम्मिलित हुए थे। तभी से अनुमान लग रहा था कि, सपा के गठबंधन में फूट संभव है।