Sukhbir Singh Badal: अकाल तख्त जत्थेदार (Akal Takht Jathedar) ने सोमवार को शिरोमणि अकाली दल के पूर्व प्रमुख (former chief of Shiromani Akali Dal) सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) से जुड़े मामलों पर चर्चा करने के लिए पांच ‘सिंह साहिबान’ (सिख पादरी) Five ‘Singh Sahiban’ (Sikh clergy) की बैठक बुलाई।
श्री अकाल तख्त साहिब और पांचों तख्तों के जत्थेदारों द्वारा बादल को ‘तनखैया’ यानी धार्मिक दुराचार का दोषी घोषित किए जाने के बाद धार्मिक निकाय ने सजा सुनाई। श्री अकाल तख्त साहिब ने बादल और उनके साथियों को एक घंटे तक बाथरूम साफ करने और एक घंटे तक लंगर में बर्तन धोने का आदेश दिया।
श्री सुखमणि साहिब का पाठ
सुखबीर सिंह बादल समेत कोर कमेटी के सदस्य और वर्ष 2015 में कैबिनेट सदस्य रहे नेता 3 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक बाथरूम साफ करेंगे। इसके बाद स्नान कर लंगर घर में सेवा करेंगे। इसके बाद श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा। बादल श्री दरबार साहिब के बाहर बैठेंगे। उन्हें गले में एक तख्ती पहननी होगी जिस पर लिखा होगा कि वे तनखैया हैं।
यह भी पढ़ें- BCA Colleges in Mumbai: मुंबई के टॉप 5 BCA कॉलेज जानने के लिए पढ़ें
3 दिनों में स्वीकार
शिरोमणि अकाली दल पार्टी से इस्तीफा देने वाले नेताओं के इस्तीफे अगले 3 दिनों में स्वीकार किए जाने चाहिए। शिरोमणि अकाली दल से बगावत करने वाले नेताओं को फटकार लगाई गई। उन्हें शिरोमणि अकाली दल में ही रहने की सलाह दी गई। इससे पहले जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने 2 दिसंबर को 2007 से 2017 के दौरान अकाली दल के पूरे मंत्रिमंडल, शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की 2015 की आंतरिक कमेटी को तलब किया था।
यह भी पढ़ें- Maha Kumbh 2025: विश्व के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ में होगी कड़ी सुरक्षा, बनेंगे 56 थाने और 156 पुलिस चौकियां
जत्थेदार क्या है?
सिखों की सर्वोच्च धार्मिक पीठ के जत्थेदार ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी को भी उस दिन मौजूद रहने को कहा है। यह घटनाक्रम बादल द्वारा अकाल तख्त जत्थेदार से सिख धर्मगुरुओं की बैठक बुलाने का आग्रह करने के कुछ दिनों बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें ‘तनखैया’ घोषित किए हुए ढाई महीने से अधिक समय बीत चुका है। जत्थेदार ने 30 अगस्त को सुखबीर को उनकी पार्टी और पार्टी की सरकार द्वारा 2007 से 2017 तक की गई “गलतियों” के लिए ‘तनखैया’ घोषित किया था। बादल को ‘तनखैया’ घोषित किए जाने के बाद, वह अकाल तख्त के सामने पेश हुए थे और उन्होंने 2007 से 2017 के दौरान उनकी पार्टी और पार्टी की सरकार द्वारा की गई “गलतियों” के लिए माफी मांगी थी।
यह भी पढ़ें- Parliament Winter Session: छठे दिन भी नहीं चला संसद, विपक्ष की नारेबाजी है जारी
मामला क्या था?
बादल को ‘तनखैया’ घोषित किया गया था, जब प्रेम सिंह चंदूमाजरा, पूर्व एसजीपीसी प्रमुख जागीर कौर और अन्य नेताओं सहित विद्रोही पार्टी के नेता 1 जुलाई को अकाल तख्त के सामने पेश हुए थे और उन्होंने 2007 से 2017 के बीच एसएडी के दौरान की गई चार “गलतियों” के लिए माफ़ी मांगी थी, जिसमें 2015 की बेअदबी की घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित करने में विफलता और 2007 के ईशनिंदा मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को माफ़ करना शामिल था।
यह वीडियो भी देखें-
Join Our WhatsApp Community