महाराष्ट्र में एनसीपी में रविवार को आये राजनीतिक बदलाव के बाद अब पार्टी के वास्तविक झंडाबरदार की अंतर्गत राजनीति शुरू हो गई है। एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने सुनील तटकरे को पार्टी से क्या हटाया, अजित पवार ने तटकरे को एनसीपी का महाराष्ट्र अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। इस प्रकार अब स्पष्ट रूप से एनसीपी दो गुटों में बंटी नजर आने लगी है।
शुरू हुआ नियुक्ति और बर्खास्तगी का दौर
एनसीपी के दोनों गुटों की ओर से अब नई नियुक्ति और बर्खास्तगी की जा रही है। 3 जुलाई को एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले की मांग पर शरद पवार ने सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी संविधान और नियमों का सीधा उल्लंघन करने के आरोप में पार्टी से बर्खास्त कर दिया था। वहीं, अजित पवार गुट ने कहा कि जयंत पाटिल को एनसीपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष पद से निकाला जा रहा है।
सुनील तटकरे को पार्टी में संगठनात्मक बदलाव करने के लिए अधिकृत करते हुए एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि पार्टी के नियमों के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष पद का चुनाव हर तीन साल में होता है लेकिन 3 साल के बाद कुछ कारणों के चलते चुनाव नहीं हुआ इसलिए जयंत पाटिल का कार्यकाल बढ़ाया गया था। लेकिन अब सुनील तटकरे को तत्काल रूप से प्रदेश अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया है।
शरद पवार फैसला हम पर लागू नहीं – प्रफुल्ल पटेल
प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि शरद पवार ने जो फैसला लिया है वो हम पर लागू नहीं हो सकता क्योंकि कल हमने जो फैसला लिया है उसमे हमें अधिकतर नेताओं का सपोर्ट मिला है। प्रफुल्ल पटेल ने खुद को कार्यकारी अध्यक्ष बताते हुए कहा कि अनिल भाईदास पाटिल को महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी का मुख्य सचेतक (चीफ व्हिप) नियुक्त किया गया। उन्होंने कहा कि हमने विधानसभा अध्यक्ष को सूचित किया है कि विधानसभा में संसदीय विधिमंडल पार्टी के नेता अजित पवार हैं। वहीं, रुपाली चकनकर को एनसीपी महिला प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बाबत पूछे गये एक सवाल के जवाब में अजित पवार ने कहा कि शरद पवार ही एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
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