कुछ दिन पहले केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना पार्टी का नाम और धनुष-बाण चुनाव चिह्न देने का बड़ा फैसला सुनाया है। ठाकरे गुट इस फैसले के खिलाप ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और आयोग के फैसले को चुनौती देने के लिए याचिका दायर की है। इस याचिका पर कोर्ट में 22 फरवरी को सुनवाई हुई सुप्रीम कोर्ट ने ठाकरे गुट की याचिका को स्वीकार कर लिया है। ऐसे में ठाकरे गुट को बड़ी राहत मिली है। लेकिन कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने से इनकार करते हुए शिंदे गुट और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है।
दो हफ्ते बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई होगी। अहम बात यह है कि शिंदे गुट इस दौरान ठाकरे गुट के विधायकों को व्हिप जारी नहीं कर सकेगा।
चुनाव आयोग ने दिया बड़ा झटका
महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष में एक महत्वपूर्ण बात यह है कि शिवसेना का धनुष बाण किसका होगा, शिंदे या ठाकरे समूह का? इस विषय पर चर्चा जारी है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने इस मुद्दे पर दोनों गुटों को सुना। उसके बाद आयोग ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आखिरकार 17 फरवरी को चुनाव आयोग ने बालासाहेब की शिवसेना यानी शिंदे गुट को नाम शिवसेना के साथ ही चुनाव चिह्न धनुष बाण भी दे दिया। चुनाव आयोग के इस फैसले को उद्धव गुट से सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
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