Supreme Court ने महाराष्ट्र विधानसभा(Supreme Court) में विधायकों की अयोग्यता के मामले(Disqualification cases of MLAs) पर विधानसभा अध्यक्ष(speaker of the assembly) के फैसले को चुनौती देने वाली शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट की याचिका(Uddhav Thackeray group’s petition) पर 7 मार्च को सुनवाई की। कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष कार्यालयAssembly Speaker’s Office) से विधायकों को अयोग्य ठहराने के फैसले से जुड़े दस्तावेज पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई अप्रैल के दूसरे हफ्ते में होगी।
सर्वोच्च न्यायालय ने 22 जनवरी को एकनाथ शिंदे गुट और महाराष्ट्र विधानसभा के सभापति को नोटिस जारी किया था। उद्धव ठाकरे गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा में विधायकों की अयोग्यता के मामले पर विधानसभा स्पीकर द्वारा दिए गए फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर शिंदे गुट को असली शिवसेना करार देने के फैसले को चुनौती दी है।
विधानसभा अध्यक्ष ने माना है शिंदे गुट को वास्तविक शिवसेना
महाराष्ट्र के स्पीकर ने 10 जनवरी को अपने फैसले में कहा था कि जून, 2022 में शिंदे गुट को 55 में से 37 विधायकों का समर्थन था। ऐसे में सुनील प्रभु को पार्टी का चीफ व्हिप नहीं माना जा सकता है। इस आधार पर सुनील प्रभु को शिवसेना विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार नहीं था। जो बैठक बुलाई गई थी उसमें भी व्हाट्स ऐप के जरिये 12 घंटे से भी कम का समय दिया गया था। सभापति ने निर्णय दिया था कि भरत गोगावले को चीफ व्हिप और एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता के रूप में नियुक्ति सही थी।
स्पीकर और मुख्यमंत्री की मुलाकात पर उद्धव गुट को आपत्ति
उद्धव ठाकरे गुट ने 9 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर 7 जनवरी को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और स्पीकर राहुल नार्वेकर की बीच हुई मुलाकात पर आपत्ति जताई थी। हलफनामे में कहा गया था कि मुख्यमंत्री समर्थक विधायकों की अयोग्यता पर फैसला देने से पहले विधानसभा अध्यक्ष का उनसे मिलना गलत है।
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