पैगंबर मुहम्मद के बारे में कथित तौर पर विवादित बयान देने वाली नुपूर शर्मा की गिरफ्तारी के आदेश की मांग वाली याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने 9 सितंबर को सुनवाई करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से नूपुर शर्मा को बड़ी राहत मिली है।
सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग वाली याचिका को वापस लेने की सलाह दी है। प्रधान न्यायाधीश यू यू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह सुझाव दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस तरह की याचिका पर सुनवाई करना आसान लगता है, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम होते हैं। हमारा सुझाव है कि इस याचिका को वापस लिया जाए।
यहां से फैला विवाद
-एक न्यूज चैनल पर चर्चा में डॉ. तस्लीम रहमानी के बार-बार उकसाने से नाराज नुपूर शर्मा ने कथित तौर पर गुस्से में आकर पैगंबर मुहम्मद के बारे में एक विवादास्पद बयान दिया था। नुपूर के इस बयान से देश के कुछ राज्यों में सुनियोजित हिंसा हुई थी।
-देश में हंगामे के बाद भारतीय जनता पार्टी ने नुपूर शर्मा को यह कहते हुए पार्टी से सस्पेंड कर दिया थी कि उसका उनके बयान से कोई लेना-देना नहीं है। नूपुर शर्मा के इस बयान के बाद देश में टारगेट किलिंग की कुछ घटनाएं भी हुईं। नूपुर शर्मा की पोस्ट का समर्थन करने वाले कुछ हिंदुओं को जिहादियों ने मार डाला। इसमें राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल और महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोल्हे की हत्या से सनसनी फैल गई थी।
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