महाराष्ट्र में एसटी कर्मियों की हड़ताल अभी भी जारी है। हालांकि कुछ कर्मचारियों ने फिर से काम शुरू कर दिया है, लेकिन अधिकांश अभी भी हड़ताल पर हैं। इसलिए एसटी निगम ने कई कर्मचारियों के खिलाफ सेवा समाप्ति और बर्खास्तगी की कार्रवाई की है। एसटी निगम के महानिदेशक शेखर चन्ने ने मीडिया के सामने उसके आंकड़े पेश किए। उन्होंने हड़ताल पर गए कर्मचारियों को चेतावनी दी कि वे उनको दोबारा काम पर नहीं रख पाएंगे।
शेखर चन्ने ने कहा, “जब हड़ताल शुरू हुई, तब निगम में 92,000 कर्मचारी थे। उसके बाद 2000 कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई। 13 जनवरी तक 3100 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। आम तौर पर, हड़तालों और अन्य कारणों से, हमें 5,000 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करनी पड़ी हैं। वर्तमान में 87,000 से 88,000 कर्मचारी निगम में हैं। इनमें से 26,500 कर्मचारी कार्यरत हैं।”
हटाए गए कर्मचारियों के लिए बुरी खबर
पत्रकारों ने उनसे सवाल किया कि क्या कर्मचारियों को वापस लेने का कोई रास्ता है। इस पर शेखर चन्ने ने चेतावनी दी कि उन्हें दोबारा काम पर नहीं रखा जा सकता। चन्ने ने कहा, “कर्मचारियों को काम पर वापस रखने की एक काफी जटिल प्रक्रिया है। परिवहन मंत्री अनिल परब ने पहले भी कहा था कि निलंबित किए जाने के बाद उन्हें काम पर नहीं रखा जा सकता है। यह कोई साधारण प्रक्रिया नहीं है। इसलिए हम कर्मचारियों से आग्रह करते हैं कि वे अपने खिलाफ इस तरह की कार्रवाई करने का अवसर न आने दें। अधिकांश कर्मचारी काम पर आना चाहते हैं। लेकिन संगठन के कुछ लोग उन्हें रोक रहे हैं।”
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750 ड्राइवरों को अनुबंध के आधार पर रखा गया
चन्ने ने कहा, “अगर एसटी कर्मचारी काम पर लौटते हैं, तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। अनुबंध के आधार पर 750 निजी चालकों को काम पर रखा जा रहा है। जो रिटायर हो चुके हैं, जिनकी उम्र 62 साल से कम है, जो फिट हैं, उन्हें कुछ समय के लिए हायर किया जाएगा। एसटी सेवा का उद्देश्य यात्रियों को परिवहन की सुविधा प्रदान करना है।”