सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदुओं का ग्रंथ रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी कर बुरे फंसे ही है, लेकिन अब ऐसा लगता है कि उनकी विवादित टिप्पणी उनकी बेटी को भी डुबो देगी। स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा के बयान पर भाजपा ने नाराजगी जताई है। भाजपा ने दो टूक शब्दों में कहा है कि संघमित्रा को तय करना है कि आगे उनकी लाइन क्या होगी।
पिता के विवादित बयान का संघमित्रा ने किया था समर्थन
दरअसल, पिछले दिनों भाजपा सांसद संघमित्रा ने अपने पिता के विवादित बयान का समर्थन किया था। भाजपा सांसद ने कहा था कि पिता स्वामी प्रसाद मौर्य को रामचरितमानस के पूरे ग्रंथ से नहीं, बल्कि कुछ चौपाइयों पर एतराज है। उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने इसका अध्यन किया है। यदि किसी को कहीं संदेह है तो उस पर बैठकर विद्वानों को विचार करना चाहिए न कि मीडिया में बैठकर बहस करना चाहिए। संघमित्रा ने यह तक कह दिया था कि पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर विचार करने की जरूरत है न कि विवाद खड़ा करने की।
‘आगे उन्हें तय करनी होगी अपनी लाइन’
भाजपा सांसद संघमित्रा के इस बयान को भाजपा ने गंभीरता से लिया है। उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने साफ-साफ कहा है कि संघमित्रा भाजपा की सांसद हैं और उन्हें 2019 में जनता ने चुना था। वह इस समय हमारी पार्टी का हिस्सा है, लेकिन आगे उन्हें तय करना है कि उनकी लाइन क्या होगी। प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान से साफ हो गया है कि यदि संघमित्रा ने अपने पिता का आगे इसी तरह हिंदू विरोधी बयानों पर साथ दिया तो उनका भाजपा से पत्ता कटना तय है।