लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से पहले उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के महासचिव पद (General Secretary Post) से इस्तीफा (Resignation) देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने कहा कि सपा के बड़े नेताओं में नाराजगी है। इसका कारण है कि वो मेरे बयान को निजी बताकर मेरी बातों को टालते रहते है। आगामी 22 फरवरी को बड़ा निर्णय होगा। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के अंदर मेरी भूमिका अहम रहेगी।
स्वामी प्रसाद मौर्य के महासचिव पद से इस्तीफा देने के बाद अभी तक समाजवादी पार्टी की ओर से उन्हें मनाने की कोई पहल नहीं की गयी है। इससे स्वामी प्रसाद की नाराजगी बढ़ी है। इस दौरान समाजवादी पार्टी के एक दूसरे महासचिव सलीम शेरवानी ने पार्टी को छोड़कर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा उजागर कर दिया है।
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संज्ञानार्थ,@yadavakhilesh@samajwadiparty pic.twitter.com/SYPBhEvhe8
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) February 13, 2024
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने इस्तीफे में क्या लिखा?
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने इस्तीफे में लिखा था कि “मैंने अपने हिसाब से सपा का जनाधार बढ़ाया। लेकिन जब मैंने भाजपा के जाल में फंसे लोगों को वापस लाने की कोशिश की तो खुद सपा नेताओं ने मेरे बयान को व्यक्तिगत करार दिया। जबकि मैं सपा का राष्ट्रीय महासचिव हूं। हालांकि, इसके बाद भी मेरा बयान व्यक्तिगत माना जाता है। पार्टी के अन्य राष्ट्रीय महासचिव अगर कुछ कहते हैं तो उसे पार्टी का बयान माना जाता है। अगर महासचिव पद पर भेदभाव हुआ है तो मैं इस पद से इस्तीफा देता हूं।”
नई राजनीतिक पारी शुरु करेंगे मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य केे समर्थकों को दबे शब्दों में कहते हुए पाया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी से स्वामी प्रसाद मौर्य अपने रिश्ते खत्म कर नई राजनीतिक पारी शुरु करेंगे। स्वामी प्रसाद अपने दल पार्टी की घोषणा भी कर सकते हैं। जिसके लिए स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने लोगों से वार्ता की है।
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