Vijayadashami: खाने-पीने की चीजों में गंदगी मिलाने का मामला, स्वामी रामदेव ने मुस्लिम धर्मगुरुओं से की यह अपील

खाने-पीने की चीजों में थूक तथा अन्य गंदगी मिलाने की घटनाओं पर योग गुरु स्वामी रामदेव ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

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Vijayadashami: खाने-पीने की चीजों में थूक तथा अन्य गंदगी मिलाने की घटनाओं पर योग गुरु स्वामी रामदेव ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम धर्मगुरुओं को आगे आकर इस पर बोलना चाहिए। इन घटनाओं का विरोध करना चाहिए। यह सभ्य मानव समाज के लिए कलंक जैसी घटनाएं है।

विजयादशमी पर कन्या पूजन
योग गुरु स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने विजयादशमी पर हरिद्वार के कनखल स्थित दिव्य योग मंदिर परिसर में गायत्री महायज्ञ के साथ कन्या पूजन किया। इसी दौरान स्वामी रामदेव ने यह बयान दिया। यहां विजयादशमी पर कन्या पूजन के साथ नौ दिनों तक चले वैदिक अनुष्ठान का पूरे विधि-विधान के साथ समापन हो गया। इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ के परमाध्यक्ष स्वामी रामदेव और महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने विजयादशमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी के भीतर राम जैसी मर्यादा व चरित्र हो।

स्वामी रामदेव ने की कामना
स्वामी रामदेव ने कहा कि भारत सनातन संस्कृति, ऋषि परम्परा, वेद परम्परा, राम और कृष्ण, मां भवानी, आध्यशक्ति का देश है। इसमें रोग, विकार, हिंसा, झूठ, बेइमानी, दुराचार, कदाचार, व्याभिचार, अशुचिता, असंतोष, नास्तिकता, अनैतिकता आदि अलग-अलग प्रकार की नकारात्मकताएं समाप्त हों। अंधेरा व प्रमाद रूपी राक्षसों का वध हो। उन्होंने कहा कि माता भगवती से शक्ति पाकर सभी देशवासी भारत माता को परम वैभवशाली व परम शक्तिशाली बनाने में अपनी आहुति दें। 2047 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के सपने को मिलकर पूरा करें। मातृ शक्ति की आराधना के साथ मातृ भूमि की आराधना करें।

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सर्वे भवन्तु सुखिनः की कामना
इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि नवरात्र व विजयादशमी का भारतीय संस्कृति, परम्परा और सनातन धर्म में विशेष स्थान है। उन्होंने कहा कि सर्वे भवन्तु सुखिनः की कामना के साथ हमने 09 दिन का यह अनुष्ठान कर गायत्री महामंत्र के साथ आहुतियां दीं। विजयादशमी पर हम अपने दुगुर्णों, बुराइयों, दुर्व्यसनों व असुरत्व पर विजय प्राप्त करें। पवित्र नवरात्र व विजयादशमी भारत की समृद्धशाली परम्परा का हिस्सा है, इसको उद्दात्ता व वैज्ञानिकता के साथ बनाना हम सबका कर्त्तव्य है। इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ परिवार के सभी सदस्य उपस्थित थे।

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