-अंकित तिवारी
Syria Crisis: सीरिया (Syria) में बशर अल-असद (Bashar al-Assad) का शासन समाप्त हो गया है। अल-कायदा (Al-Qaeda) की पूर्व शाखा इस्लामवादी (Islamists) हयात तहरीर अल-शाम (Hayat Tahrir al-Sham), जिसने खुद को नया नाम दिया था, अब देश में सबसे शक्तिशाली ताकत है। ताश के पत्तों की तरह ढहने वाली धर्मनिरपेक्ष तानाशाही (secular dictatorship) और हाल ही में इस्लामवादी अतीत वाले उग्रवादियों (Islamist militants) के बढ़ते समूह के बीच 23.5 मिलियन सीरियाई लोगों का वर्तमान और भविष्य छिपा है।
आठ साल पहले, बशर अल-असद गृहयुद्ध जीतते दिख रहे थे। उन्होंने रूस, ईरान और हिजबुल्लाह की मदद से खोए हुए अधिकांश क्षेत्रों पर फिर से कब्जा कर लिया था। उग्रवादियों द्वारा इदलिब के छोटे से उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में खुद को सिमित कर लिया जिसके कारण तनावपूर्ण शांति बनी रही। दक्षिण-पूर्व में, कुर्दों कब्जा था, लेकिन उन्होंने दमिश्क और असद सरकार के साथ शांति स्थापित की। सीरिया को अरब लीग में फिर से शामिल किया गया। खाड़ी के राजवंश, जिन्होंने कभी असद विरोधी उग्रवाद को बढ़ावा दिया था, उन्होंने भी उन्हें गले लगा लिया। लेकिन उनकी जीत खोखली साबित हुई।
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दमिश्क पर कब्जा
हयात तहरीर अल-शाम ने सीरिया में एक तेज और संघटित आक्रमण शुरू किया, जिसने शक्ति संतुलन को नाटकीय रूप से बदल दिया। 27 नवंबर, 2024 को एचटीएस ने कमजोर सीरियाई सरकारी बलों और निरंतर रूसी और ईरानी समर्थन की कमी का फायदा उठाते हुए अलेप्पो और हामा जैसे प्रमुख शहरों पर कब्जा करके अपना अभियान शुरू किया। 30 नवंबर को एचटीएस ने कई मोर्चों पर संघटित हमलों के साथ आगे बढ़ते हुए असद सेना को पीछे हटने के लिए मजबूर किया। 7 दिसंबर को समूह ने होम्स पर कब्जा कर लिया, जो दमिश्क को लताकिया और टार्टस में तटीय गढ़ों से जोड़ने वाला एक रणनीतिक शहर है, जिसने असद के शासन को और अलग-थलग कर दिया। मध्य दिसंबर आते-आते एचटीएस के नेतृत्व वाली लड़ाके दमिश्क के बाहरी इलाकों में पहुंच गए, जिससे सरकार के पास केवल तीन प्रांतीय राजधानियां: दमिश्क, लताकिया और टार्टस रह गईं। एचटीएस की सफलता रणनीतिक समन्वय, कमजोर सरकारी सुरक्षा और असद के प्रमुख सहयोगियों से कम समर्थन के कारण हुई। इन घटनाक्रमों ने सीरियाई गृह युद्ध ने नया रूप ले लिया। जिससे सत्ता का संतुलन एचटीएस के तरफ झुक गया।
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बशर अल-असद हुआ
8 दिसंबर, 2024 को सीरियाई विद्रोहियों द्वारा दमिश्क पर कब्जा करने के बाद बशर अल-असद सीरिया से भाग गए, जिससे उनके परिवार का दशकों पुराना शासन प्रभावी रूप से समाप्त हो गया। सत्ता से बेदखल होने के डर से असद ने देश छोड़ने से पहले सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण के आदेश जारी किए। उन्होंने और उनके परिवार ने रूस में शरण मांगी, जिसने उन्हें मानवीय आधार पर शरण दी। यह सीरिया के 13 साल के गृहयुद्ध में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसके बाद वह अभी के लिए सीरिया के सत्ता से बहार हैं।
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एचटीएस सीरिया को स्थिर कर पाएगा?
2011 में संघर्ष शुरू होने के बाद से 14 मिलियन से अधिक सीरियाई विस्थापित हैं और 500,000 से अधिक लोग मारे गए हैं। सवाल यह है कि क्या एचटीएस स्थिरता को बढ़ावा दे सकता है और शरणार्थियों के लौटने के लिए परिस्थितियाँ बना सकता है। यह स्थिति वैश्विक शक्तियों के लिए रणनीतिक दुविधा भी पैदा करती है। असद के कट्टर सहयोगी रूस ने तानाशाह के जाने की पुष्टि की है, लेकिन कहा है कि सीरिया में उसके सैन्य अड्डे सुरक्षित हैं। इस बीच, तुर्की और उसके समर्थक, उत्तरपूर्वी सीरिया में कुर्द बलों के साथ, एचटीएस के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर अपनी स्थिति को फिर से निर्धारित कर रहे हैं।
सीरिया में जारी उथल-पुथल इराक और लीबिया में संघर्ष के बाद की स्थितियों के समान है, जहां तानाशाहों को हटाने से लंबे समय तक अराजकता और रक्तपात हुआ। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि सीरिया को भी इसी तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें गुटीय अंदरूनी लड़ाई और बाहरी हस्तक्षेप इसकी बहाली को जटिल बना सकते हैं।
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सीरिया के पुनर्निर्माण में कितना समय लगेगा?
डीडब्ल्यू के अनुसार, 2011 में सीरिया की अर्थव्यवस्था का मूल्य 67.5 बिलियन डॉलर था। यही वह वर्ष था जब गृह युद्ध छिड़ा था। उस समय, वैश्विक जीडीपी के मामले में सीरिया 196 में से 68वें स्थान पर था – पैराग्वे और स्लोवेनिया के बाद। लेकिन संघर्ष के वर्षों ने सीरिया की अर्थव्यवस्था को खस्ताहाल कर दिया है। विश्व बैंक का अनुमान है कि सीरिया की अर्थव्यवस्था अब 9 बिलियन डॉलर है – जो कि 85 प्रतिशत है। अब जब रैंकिंग की बात आती है तो सीरिया का स्थान चाड और फिलिस्तीनी क्षेत्रों के बाद आता है। सीरिया की अर्थव्यवस्था के दो मुख्य चालक, तेल और कृषि, युद्ध के कारण तबाह हो गए हैं।
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मुहम्मद अल-बशीर की एंट्री
जनवरी से उत्तर-पश्चिमी सीरिया में विद्रोहियों के नियंत्रण वाले इदलिब प्रांत पर शासन कर रहे मोहम्मद अल-बशीर को देश का अंतरिम नेता नियुक्त किया गया है। उन्हें देश को स्थिरता की ओर ले जाने का काम सौंपा गया है। मोहम्मद अल-बशीर, जो 40 वर्ष की आयु के एक इंजीनियर हैं, उनको एक महत्वपूर्ण संक्रमणकालीन अवधि के दौरान सीरिया की राष्ट्रीय सरकार का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया है। 1983 में इदलिब प्रांत के जबल अल-ज़ाविया में जन्मे बशीर ऐसे क्षेत्र में पले-बढ़े, जो हाल के वर्षों में मुख्य रूप से हयात तहरीर अल-शाम और संबद्ध समूहों के नियंत्रण में रहा है।
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इजराइल का नया खेल
10-11 दिसंबर के दौरान, इजराइल ने सीरिया पर 350 से ज्यादा हवाई हमले किए, जिससे देश की सैन्य क्षमताओं का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया। ये हमले विद्रोही गुटों द्वारा सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद को अपदस्थ किए जाने के बाद हुए हैं। इजरायली अधिकारियों का दावा है कि उनकी कार्रवाई उन्नत हथियारों और सैन्य बुनियादी ढांचे को चरमपंथी समूहों के हाथों में जाने से रोकने के लिए एक रक्षात्मक उपाय है। लक्ष्यों में वायु-रक्षा प्रणाली, लड़ाकू जेट, मिसाइल डिपो, हथियार उत्पादन स्थल और अन्य सैन्य सम्पतियां शामिल थीं। इजरायली सैन्य सूत्रों के अनुसार, इन अभियानों का उद्देश्य सीरिया के रणनीतिक हथियारों के भंडार को नष्ट करना था।
इजराइल के अभियान तत्काल सुरक्षा चिंताओं से परे हैं। ईरान से जुड़े बुनियादी ढांचे और हिजबुल्लाह की आपूर्ति लाइनों को निशाना बनाकर, इजराइल का लक्ष्य क्षेत्र में विरोधी ताकतों के फिर से उभरने को रोकना है। विश्लेषकों का मानना है कि ये हमले इजरायल की सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन भी हैं। हालांकि, हवाई हमलों और जमीनी अभियानों का उद्देश्य संभावित खतरों को बेअसर करना है, लेकिन इनकी कड़ी जांच और आलोचना भी हुई है।
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