अफगानिस्तान में तालिबान सरकार (Taliban Government) ने महिलाओं पर एक और प्रतिबंध लगाते हुए नेशनल पार्क में जाने पर रोक लगा दिया है। इस फरमान को लागू करने के लिए तालिबान सुरक्षा बलों (Taliban Security Forces) का उपयोग करेगा। वाइस एंड सदाचार मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि देश के मध्य बामियान प्रांत (Bamian State) में बंद-ए-अमीर जाते समय महिलाएं हिजाब या इस्लामिक हेडस्कार्फ (Islamic Head Scarf) पहनने के सही तरीके का पालन नहीं कर रही हैं। इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर अफगानिस्तान पर कड़ाई से कार्रवाई की जाती है। कई बार तो महिलाओं को सरेआम चाबुक से पीटा जाता है।
अफगानिस्तान (Afghanistan) के वाइस एंड सदाचार मंत्रालय की रिपोर्ट (Ministry Report) में कहा गया है कि, एक सप्ताह पहले मंत्री मोहम्मद खालिद हनाफी (Mohammed Khalid Hanafi) ने प्रांत का दौरा किया था और अधिकारियों और धार्मिक मौलवियों से कहा था कि महिलाएं हिजाब (Hijab) पहनने के सही तरीके का पालन नहीं कर रही हैं, जिसके कारण उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से महिलाओं को पर्यटन स्थल पर (Tourist Place) जाने से रोकने के लिए कहा था। मंत्रालय के प्रवक्ता मौलवी मोहम्मद सादिक आकिफ ने शनिवार देर रात हनफी की टिप्पणियों की एक रिपोर्ट साझा की। आकिफ की रिपोर्ट के अनुरूप बामियान में मंत्री के भाषण की रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर साझा की गई थी।
कैद में बंद हो रही महिलाएं
इसके बाद ह्यूमन राइट्स वॉच की एसोसिएट महिला अधिकार निदेशक हीदर बर्र ने एक ईमेल बयान में कहा, ”लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा, रोजगार और मुक्त आवाजाही से वंचित करने से संतुष्ट नहीं, तालिबान उनसे पार्क और खेल और अब प्रकृति भी छीनना चाहते हैं। धीरे-धीरे महिलाओं के लिए दीवारें बंद होती जा रही हैं क्योंकि हर घर एक जेल बनता जा रहा है।”
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प्रतिबंधों का है पुराना इतिहास
तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार के आने के बाद से ही इस्लामी शरिया के नाम पर महिलाओं को पार्कों सहित सार्वजनिक स्थानों का उपयोग करने पर रोक लगा दी गई थी। तब इसका कारण हिजाब सही ढंग से नहीं पहनने और पुरूषों से अलगाव नियमों का पालन नहीं करना बताया गया था।