Tamil Nadu की राजनीति(Politics) में नेताओं द्वारा अपने बच्चों या परिवार के सदस्यों को पार्टी की कमान संभालने के लिए तैयार करना नई बात नहीं है। ऐसे ही राजनीतिक परिवारों के लगभग 16 उम्मीदवार 19 अप्रैल के लोकसभा चुनाव(Lok Sabha Elections) में उतरने की इच्छा रखते हैं।
इन पार्टियों ने दी अपनों को टिकट
सूची में शीर्ष पर सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) है, जिसने कनिमोझी करुणानिधि और दयानिधि मारन सहित छह ‘वंशवादियों’ को टिकट(Tickets to six ‘dynasts’ including Kanimozhi Karunanidhi and Dayanidhi Maran) दिया है। इसके बाद एआईएडीएमके और कांग्रेस ने तीन-तीन ऐसे उम्मीदवारों को नामांकित किया है। भाजपा, एमडीएमके, डीएमडीके और पीएमके ने पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले एक-एक उम्मीदवार को मैदान में उतारा है।
कौन कहां से मैदान में?
कनिमोझी और दयानिधि मारन के अलावा पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले तीन अन्य उम्मीदवार- तमिझाची थंगापांडियन (चेन्नई दक्षिण), कलानिधि वीरास्वामी (चेन्नई उत्तर) और अरुण नेहरू (पेरम्बलूर) तथा डीएम कथिर आनंद (वेल्लोर) से हैं। तमिझाची पूर्व द्रमुक मंत्री वी थंगापांडियन की बेटी और वित्त मंत्री थंगम थेनारासु की बड़ी बहन हैं। इसी प्रकार कलानिधि द्रमुक के दिग्गज नेता अर्कोट एन वीरस्वामी के बेटे हैं। अरुण नेहरू नगर प्रशासन मंत्री केएन नेहरू के बेटे हैं और आनंद द्रमुक महासचिव दुरई मुरुगन के बेटे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी.चिदंबरम, विष्णुप्रसाद और वसंत शिवगंगा, कुड्डालोर और कन्याकुमारी से चुनाव लड़ रहे हैं।
अन्नाद्रमुक में चेन्नई दक्षिण उम्मीदवार डॉ. जे जयवर्धन पूर्व मंत्री डी जयकुमार के बेटे हैं, जबकि डी लोकेश तमिलसेल्वन (नीलगिरी) पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और मौजूदा विधायक पी धनपाल के बेटे हैं। पार्टी के कोयंबटूर उम्मीदवार ‘सिंगाई’ जी रामचंद्रन पूर्व विधायक ‘सिंगाई’ गोविंदराजन के बेटे हैं।
यहां तक कि भाजपा ने भी लोकप्रिय अभिनेत्री राधिका को टिकट आवंटित करके इस प्रवृत्ति से खुद को बचा नहीं पाई। राधिका के पति सरथ कुमार ने अपनी पार्टी ऑल इंडिया समथुवा मक्कल काची (एआईएसएमके) का भाजपा में विलय कर दिया है। राधिका विरुधुनगर से कांग्रेस के मनिकम टैगोर और पार्टी के संस्थापक दिवंगत विजयकांत के बेटे डीएमडीके के विजया प्रभाकर के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं।
ये भी पढ़ेंः Indian Coast Guard Ship ‘समुद्र पहरेदार’ की आसियान देशों में तैनाती, इन बंदरगाहों का करेगा निरीक्षण
दूसरी तरफ वाइको ने अपने बेटे को तिरुचिरापल्ली से उतार कर इस ‘लोकप्रिय पैटर्न’ के आगे घुटने टेक दिए हैं। वह एकमात्र सीट है, जहां से उनकी पार्टी एमडीएमके चुनाव लड़ रही है। पीएमके ने अपने अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री अंबुमणि रामदास की पत्नी सौम्या अंबुमणि को धर्मपुरी से उम्मीदवार बनाया है, जबकि उनके भाई एम के विष्णुप्रसाद कुड्डालोर से कांग्रेस उम्मीदवार हैं।
पूरे देश में भाई-भतीजावाद
राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर ग्लैडस्टन जेवियर ने बताया कि इस तरह का भाई-भतीजावाद केवल तमिलनाडु ही नहीं, पूरे भारत में प्रचलित है। अभी फिलहाल ऐसा कोई तरीका नहीं है, जिसके माध्यम से परिवारवाद की धारा को रोक जा सके उन्होंने बताया कि तमिलनाडु के पास के कामराज, एमजी रामचंद्रन और जे जयललिता जैसे लोकतांत्रिक रूप से समृद्ध नेताओं की समृद्ध विरासत रही है। ऐसे में वर्तमान प्रवृत्ति स्वस्थ नहीं है। जानबूझ कर नेतृत्व में शून्य पैदा किया जा रहा है क्योंकि इन पार्टियों ने बहुत सारी संपत्ति जमा कर ली है और वे इसका बचाव करना चाहते हैं। उन्होंने नया नेतृत्व तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया।