Bihar Politics: बिहार जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने 21 अगस्त को बयान जारी कर राजद पर दलित समाज को भ्रमाने का आरोप लगाया है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दलितों के प्रति उमड़ रहा राजद का प्रेम राजनीतिक दिखावा के सिवा और कुछ भी नहीं है, दलित समाज भी इस बात से भली-भांति अवगत है। इतिहास इस बात का गवाह है कि लालू-राबड़ी के शासनकाल में दलितों के साथ सबसे अधिक अत्याचार हुए और हर प्रकार से उन्हें प्रताड़ित किया गया।
उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि अपने डूबते हुए राजनीतिक जहाज को बचाने के लिए तेजस्वी यादव अब दलितों को भ्रमाने की कोशिश में जुटे हुए हैं लेकिन इसका कोई लाभ उन्हें नहीं होगा। राजद को जब 15 सालों तक शासन करने का मौका मिला तो उन्होंने कभी दलित समाज की कोई सुध नहीं ली। आज बिहार का दलित राजनीतिक और सामाजिक रूप से जागरूक हो चुका है। राजद के झूठ और दुष्प्रचार के भ्रमजाल का कोई असर नहीं होगा।
आज भी ताजा है घाव
उन्हाेंने कहा कि राजद के शासनकाल में दलितों के साथ हुए नरसंहार का घाव आज भी ताजा है। दलितों के नए-नए हिमायती बनने का ढोंग कर रहे तेजस्वी यादव ने कभी उन दलित माताओं-बहनों से माफी नहीं मांगा जिनके नौजवान बेटे और पति राजद द्वारा प्रायोजित जातीय नरसंहार के भेंट चढ़ गए। आपराधिक घटनाओं पर रोज ट्वीट करने वाले तेजस्वी यादव को कभी वक्त निकाल कर 15 वर्षों में हुए 118 नरसंहारों का भी हिसाब देना चाहिए।
अब जातीय नरसंहार पूरी तरह समाप्त
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों में बिहार का बागडोर मिलने के बाद प्रदेश में जातीय नरसंहार का दौर पूरी तरह से समाप्त हुआ। साथ ही दलित समाज को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए कई निर्णायक कदम भी उठाए गए। बीते 19 सालों में अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण बजट में 400 गुणा की वृद्धि हुई। आगे उन्होंने कहा कि राजद केवल अपने स्वार्थ की राजनीति करती है, 15 वर्षों के शासन में लालू परिवार ने केवल अपना भला किया और अपने बेटे-बेटियों के नाम पर अवैध संपत्ति बनाई।