Bihar: पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी(Former Deputy Chief Minister and Rajya Sabha member Sushil Kumar Modi) ने कहा कि नौकरी के बदले जमीन मामले में तेजस्वी यादव(Tejashwi Yadav) को देर-सबेर ईडी(ED) के सवालों का तथ्यपरक जवाब देना ही होगा। इस मामले में न राजनीतिक बयान काम आएंगे और न वे बार-बार मिले सम्मन पर अनुपस्थित होकर बच सकते हैं।
सुशील मोदी ने 23 दिसंबर को बयान जारी कर कहा कि भले ही तेजस्वी यादव को आस्ट्रेलिया जाने के लिए ईडी से कुछ दिन राहत मिल गई या तारीख पर तारीख लेकर थोड़े दिन और खैर मना लें लेकिन उन्हें देश की केंद्रीय जांच एजेंसियों को बताना ही होगा कि ये अमित कात्याल कौन है, जिसकी कंपनी ने रेलवे में नौकरी पाने वालों की जमीन खरीदी?
दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कालोनी के 150 करोड़ के मकान का उठाया मामला
सुशील मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव को बताना होगा कि वे दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कालोनी(New Friends Colony in Delhi) के 150 करोड़ के मकान डी-1088 के मालिक कैसे बन गए और कौन हैं हृदयानंद चौधरी, जिन्होंने रेलवे के ग्रुप-डी की नौकरी पाने के बदले अपनी कीमती जमीन राबड़ी देवी और हेमा यादव को गिफ्ट कर दी?
तेजस्वी यादव पर साधा निशाना
मोदी ने कहा कि तेजस्वी के राजनीतिक बयानों से ईडी की जांच प्रक्रिया और परिणाम पर कोई असर पड़ने वाला नहीं हैं लेकिन उसका ताजा सम्मन जारी होने का असर यह है कि तेजस्वी यादव फिर मुख्यमंत्री की ओर लौट रहे हैं। वे 20 दिन से नीतीश कुमार के साथ मंच साझा नहीं कर रहे थे।
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नीतीश कुमार के इशारे पर सीबीआई को उपल्बध कराए गए पुख्ता प्रमाण
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नौकरी के बदले जमीन मामले में जदयू अध्यक्ष ललन सिंह(JDU President Lalan Singh) ने सीबीआई को पुख्ता सबूत उपलब्ध कराए थे और यह सब नीतीश कुमार के इशारे पर हुआ था। इन्हीं कागजों के आधार पर सीबीआई ने आरोप पत्र दायर किया और राबड़ी-तेजस्वी समेत कई लोगों को जमानत लेनी पड़ी। सीबीआई के आरोप पत्र दायर करने और इस आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई से लालू परिवार पर दबाव बढ़ा है। एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी(AK Infosystems Private Limited Company) के मालिक अमित कात्याल की गिरफ्तारी के बाद परिवार पर कानून का शिकंजा कसता जा रहा है।