Telangana: जातिगत जनसांख्यिकी की समीक्षा के लिए विदेशी विशेषज्ञों को किया शामिल, भाजपा ने पूछे कांग्रेस से ये सवाल

तेलंगाना में जातिगत जनसांख्यिकी का काम पूरा हो चुका है। तेलंगाना सरकार ने जाति जनगणना का अध्ययन करने के लिए 11 सदस्यों वाली विशेषज्ञ समिति गठित की है। सर्वेक्षण का विश्लेषण करने तथा उस पर अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए इसमें एक फ्रांसीसी अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी को भी शामिल किया गया है।

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Telangana:  तेलंगाना में जातिगत जनसांख्यिकी का काम पूरा हो चुका है। तेलंगाना सरकार ने जाति जनगणना का अध्ययन करने के लिए 11 सदस्यों वाली विशेषज्ञ समिति गठित की है। सर्वेक्षण का विश्लेषण करने तथा उस पर अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए इसमें एक फ्रांसीसी अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी को भी शामिल किया गया है। इस पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य की कांग्रेस सरकार पर संवेदनशील सामाजिक डेटा विदेशी हाथों में सौंपने का आरोप लगाया है।

15 मार्च को भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जी.वी.एल. नरसिम्हा राव ने एक्स पर साझा किए गए वीडियो में कहा कि तेलंगाना सरकार के कांग्रेसी मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का यह निर्णय भयावह एजेंडा है। क्या होगा जब कोई विदेशी हमारे डेटा को वैश्विक कथा के अनुरूप बनाने के लिए विकृत करेगा? वे भारत के सामाजिक ताने-बाने के बारे में क्या कहानियां गढ़ेंगे? इससे किसे फ़ायदा होगा?

कांग्रेस हमेशा से हर भारतीय चीज़ से नफ़रत करती रही है- हमारी संस्थाएं, हमारा नवाचार, हमारी बुद्धिमत्ता और यहां तक कि हमारी पहचान भी।

सुधांशु त्रिवेदी ने पूछे कांग्रेस से सवाल
भाजपा के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस से कई सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि भारत का संवेदनशील सामाजिक डेटा एक विदेशी को क्यों सौंपा जा रहा है। उन्होंने थॉमस पिकेटी को ही क्यों चुना, जिनके आर्थिक असमानता विश्लेषण मॉडल पर व्यापक रूप से बहस हुई है। उनका दृष्टिकोण कथित तौर पर अमीरों पर उच्च कराधान का पक्षधर है जबकि कुछ विशेषाधिकार प्राप्त समूहों को छूट दी गई है।

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अप्रत्यक्ष रूप से संदिग्ध विदेशी ताकतों के साथ जुड़े होने का आरोप
राष्ट्रीय हितों के नाम पर वे लगातार विदेशी संस्थाओं के साथ क्यों जुड़े रहे हैं। पहले वे भारतीय मीडिया के खिलाफ विदेशी मीडिया के साथ खड़े हुए। फिर, उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था पर हमला करने के लिए विदेशी एजेंसियों का साथ दिया। चुनावों के दौरान वे अप्रत्यक्ष रूप से संदिग्ध विदेशी ताकतों के साथ जुड़े हुए देखे गए। हर संसदीय सत्र से पहले, वे विदेशी प्रभावशाली लोगों के साथ दिखाई दिए।

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