तेलंगाना सरकार ने सीबीआई को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। अब इस एजेंसी को किसी भी मामले की जांच के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी। इससे पहले इस तरह का कोई प्रावधान नहीं था।
केसीआर सरकार का ये निर्णय विधायकों के अवैध शिकार मामले में केंद्र के किसी की दखलंदाजी को रोकने का प्रयास समझा जा रहा है।
तेलंगाना राष्ट्र समिति यानी टीआरएस के चार विधायकों को भाजपा में शामिल करने के के लिए भाजपा के तीन कथित एंजेटों द्वारा रिश्वत देने की कोशिश करते समय गिरफ्तारी के बाद पैदा हुई स्थिति के बीच सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है। भाजपा विधायको के अवैध शिकार मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग करती रही है।
30 अगस्त को जारी किया गया था येआदेश
प्राप्त जानकारी के अनुसार ये आदेश 30 अगस्त को ही जारी कर दिया गया था, लेकिन इसे गोपनीय रखा गया था। फिलहाल इसे 29 अक्टूबर को सार्वजनिक किया गया। इस दिन राज्य सरकार ने तेलंगाना उच्च न्यायालय को सीबीआई को सामान्य सहमति वापस लेने के बारे में सूचित किया। इसमें भाजपा की दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी को जांच स्थानांतरित करने की मांग की गई थी। फिलहाल उच्च न्यायालय ने इस पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। न्यायालय ने सरकार को इस मामले में चार नवंबर तर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।