Temple-Mosque controversy: मस्जिदों में मंदिरों के प्रमाण, मुसलमान परेशान! 

उत्तर प्रदेश में लगातार मस्जिदों का सर्वे किया जा रहा है, जिससे मस्जिद के मौलाना नाराज हैं।

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-अमन दुबे

Temple-Mosque controversy: हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में मंदिर-मस्जिद विवाद के मामलों (Temple-Mosque dispute cases) में बढ़ोतरी हुई है। चाहे वह संभल विवाद (Sambhal dispute) हो या बदायूं (Badaun) और जौनपुर (Jaunpur), हर जगह मस्जिदों में मंदिर पाए जा रहे हैं।

इससे देश में राजनीतिक मुद्दा गरमा गया है और विपक्ष को कुछ नहीं मिल रहा है तो वह मंदिर-मस्जिद विवाद पैदा कर रहा है। इन घटनाओं की वजह से कई राज्यों में सांप्रदायिक तनाव भी बढ़ा है। उत्तर प्रदेश में लगातार मस्जिदों का सर्वे किया जा रहा है, जिससे मस्जिद के मौलाना नाराज हैं।

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खोला गया मंदिर
बता दें कि 46 साल पहले संभल में हुई हिंसा के बाद से यह शिव मंदिर बंद था, जिसे अब प्रशासन की मौजूदगी में खोल दिया गया है। मंदिर खुलने के बाद इस मंदिर में पूरे विधि-विधान के साथ भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया गया। मंदिर में हनुमानजी की मूर्ति भी मिली है।

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काशी-मथुरा समेत कई मंदिर बाकी
गौरतलब है कि जब अयोध्या में राम जन्मभूमि आंदोलन अपने चरम पर था, तब एक नारा जोर-शोर से लगाया जा रहा था। “अयोध्या तो बस एक झांकी है, काशी-मथुरा अभी बाकी है।” इसका मतलब था कि राम जन्मभूमि विवाद खत्म होने के बाद काशी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद पर भी मंदिर का दावा पेश किया जाएगा। 2019 में अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था।

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मस्जिदों और मदरसों का पर्दाफाश
उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल इलाकों में प्राचीन हिंदू मंदिर मिल रहे हैं, तो इससे पता चलता है कि ये मंदिर मुस्लिम इलाकों में नहीं बने थे, बल्कि मंदिरों के बनने के बाद मुसलमान इन इलाकों में आकर बस गए। संभल मस्जिद विवाद के बाद कई दिनों तक वहा सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बनी रही। प्रशासन को शिकायत मिली थी कि बड़े पैमाने पर बिजली चोरी हो रही है और दावा ये भी किया गया था कि बिजली की ये चोरी मस्जिदों और मदरसों में हो रही है। पुलिस ने चोरी रोकने के लिए संभल में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया और अभियान के दौरान प्राचीन मंदिर मिले, जो पिछले 46 सालों से बंद पड़े थे।

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जांच कर रहा है प्रशासन
अब तक संभल के साथ ही वाराणसी, अलीगढ़ और बरेली में बंद मंदिरों को खोल दिया गया है। कानपुर में भी हिंदू संगठन उन मंदिरों की तलाश में निकल पड़े हैं, जिन पर अवैध कब्जे का आरोप है। धार्मिक ग्रंथों में वर्णित धार्मिक स्थलों की तलाशी ली जा रही है। फिलहाल प्रशासन शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील कर रहा है और जहां भी मंदिर मिल रहे हैं, वहां के दस्तावेजों की जांच की जा रही है।

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योगी ने याद दिलाया संभल का इतिहास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले भी मंदिर-मस्जिद मुद्दे पर मुखर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने संभल हिंसा को लेकर कहा था कि 1947 से अब तक संभल में 209 हिंदुओं की निर्मम हत्या की जा चुकी है। जो लोग आज संभल में मारे गए लोगों के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, उन्होंने कभी इन हिंदुओं के लिए दो शब्द नहीं कहे। उन्होंने कहा कि संभल हिंसा में शामिल एक भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा। इस दौरान सीएम योगी ने संभल में अब तक हुए दंगों का पूरा इतिहास भी याद दिलाया।

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जामा मस्जिद -संभल
यूपी के संभल में बनी जामा मस्जिद को लेकर पिछले महीने बड़ा बवाल हुआ था। हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि बाबर ने 1526 में मंदिर को तोड़कर यह मस्जिद बनवाई थी। पहले यहां हरिहर मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्ष की याचिका पर निचली अदालत ने सर्वे का आदेश भी दिया था। इसका सर्वे भी हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फिलहाल यहां सुनवाई रोक दी गई है। अगले महीने सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई होनी है।

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ज्ञानवापी मस्जिद विवाद
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद का मामला सबसे चर्चित रहा है। हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद काशी विश्वनाथ मंदिर के ऊपर बनाई गई थी। मस्जिद के वजुखाना में शिवलिंग मिलने के दावे ने इस विवाद को और गहरा कर दिया है।

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श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद
मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद का विवाद भी पुराना है। हिंदू संगठनों का कहना है कि यह मस्जिद मंदिर की जमीन पर बनाई गई थी। इस मामले को लेकर अदालतों में याचिकाएं भी दायर की गई हैं।

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शम्सी जामा मस्जिद
इस मस्जिद का निर्माण शम्सुद्दीन इल्तुतमिश ने 13वीं ईस्वी में यूपी के बदायूं में करवाया था। 2022 में हिंदू संगठनों ने दावा किया कि यह मस्जिद नीलकंठ महादेव मंदिर को तोड़कर बनाई गई है। हिंदू संगठनों ने यहां पूजा करने का अधिकार मांगा है। इस मामले की सुनवाई इसी महीने होने वाली है।

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जामा मस्जिद
आगरा से 40 किलोमीटर दूर फतेहपुर सीकरी में बनी जामा मस्जिद को लेकर हाल ही में हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि पहले यहां कामाख्या देवी का मंदिर हुआ करता था। दावा किया गया है कि मस्जिद के नीचे कटरा केशव देव की मूर्तियां हैं। हिंदू पक्ष ने मस्जिद पर अपना हक मांगा है। मामला आगरा की अदालत में है।

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गंगा महारानी मंदिर विवाद
हाल ही में बरेली में गंगा महारानी मंदिर पर मुस्लिम समुदाय द्वारा कथित कब्जे का मामला सामने आया था। मंदिर की मूर्तियां हटाने का भी आरोप लगा था, जिसके बाद यह विवाद चर्चा में आया था।

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मंदिरों के बाहर पुलिस तैनात
उत्तर प्रदेश के जिन जिलों में मस्जिदों के सर्वेक्षण के दौरान मंदिर पाए गए हैं, वहां राज्य सरकार ने सभी मंदिरों के बाहर पुलिस तैनात कर दी है और नगर निगम मंदिरों के आसपास साफ-सफाई की व्यवस्था कर रहा है। आने वाला समय ही बताएगा कि प्रशासन इन मंदिरों को लेकर क्या निर्णय लेता है।

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