आतंकी देश को फिर अपने किये की सजा मिली है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने उसे ग्रे सुची में ही बरकरार रखा है। दुनिया के देशों ने इस पर चिंतन किया और एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कूस प्लेयर ने इसकी घोषणा की है।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को 34 मुद्दे दिये थे, जिसका उसे पालन करके उसकी रिपोर्ट वैश्विक एजेंसी को सौंपनी थी। इसमें से पाकिस्तान ने 30 मुद्दों पर कार्य किया, लेकिन 4 मुद्दे पूर्ण नहीं कर पाया। इसके साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान फिर झूठे साबित हुए हैं। एफएटीेएफ की अगली बैठक अब अप्रैल 2022 में होगी, तब तक पाकिस्तान को ग्रे सूची में रहकर मानदंडों को पूरा करना होगा।
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तीन वर्षों से ग्रे सूची में पाकिस्तान
पाकिस्तान पिछले तीन साल यानी 2018 से एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में है। प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तान को इस लिस्ट से बाहर निकालने के लिए एंड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं, लेकिन वे इसमें सफल नहीं हो पा रहे हैं। पाकिस्तान और आतंकवादियों के मजबूत नेटवर्क के कारण इमरान सरकार को इससे बाहर निकलने में परेशानी हो रही है।
एफएटीएफ का अर्थ
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है। जो वैस्विक स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग जैसे वित्तीय लेनदेन के लिए दिशानिर्देश निर्धारित करती है। इसके अंतर्गत ही यह एजेंसी वित्तीय आतंक को बढ़ावा देनेवाले देशों को श्रेणीबद्ध करती है, जिससे इन देशों को वैश्विक स्तर पर सहायता या आर्थिक मदद प्राप्ति से रोका जाता है।