मुंबईः आतंकवाद पर क्या बोले संयुक्त राष्ट्र के महासचिव गुटेरेस? जानिये, इस खबर में

मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले में 166 निर्दोष लोग मारे गए थे।

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संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि किसी भी कीमत पर आतंकवाद को सही नहीं ठहराया जा सकता। आतंकवाद से लड़ाई हर देश की प्रथम प्राथमिकता होनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र ने इस लड़ाई को अहम महत्व दिया है। उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध बनाने का प्रयास करना चाहिए।

भारत के तीन दिवसीय दौरे पर आए 18 अक्टूबर की रात मुंबई पहुंचे गुटेरेस ने 19 अक्टूबर को ताज होटल में जाकर 26/11 के हुतात्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उपस्थित थे। गुटेरस इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे।

आतंकवाद दुनिया में कोई स्थान नहीं
गुटेरेस ने कहा कि आतंकवाद का आज की दुनिया में कोई स्थान नहीं है। मुझे यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है। इतिहास में सबसे बर्बर आतंकवादी कृत्यों में से एक यहां हुआ था। इस घटना में 166 लोगों की जान चली गई थी। इस हमले में मारे गए लोगों को मैं श्रद्धांजलि देना चाहता हूं। वे हमारी दुनिया के हीरो हैं। मैं उनके परिवारों, उनके दोस्तों, भारत के लोगों और दुनिया के अन्य हिस्सों के उन सभी लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने मुंबई में अपनी जान गंवाई।

आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने की लड़ाई
गुटेरेस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव बनने के बाद उन्होंने आंतकवाद से लड़ने के लिए अलग कार्यालय स्थापित किया है। इस कार्यालय के माध्यम से आतंकवाद को जड़ सहित समाप्त करने की लड़ाई लड़ी जा रही है। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने में भारत सरकार की सराहना की है। उन्होंने कहा कि मानवता का घर और दुनिया की सबसे बड़ी युवा पीढ़ी को सतत विकास लक्ष्यों की ओर बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। मुझे आपके साथ भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाते हुए खुशी हो रही है। मैं पिछले 75 वर्षों में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और अब सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में भारत की उपलब्धि पर बधाई देता हूं।

2008 में मारे गए थे 166 लोग
उल्लेखनीय है कि मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले में 166 निर्दोष लोग मारे गए थे। इस हमले का दोषी आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था। उसे फांसी की सजा दी गई।

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