Test Cricket: बांग्लादेश में हिंदुओं का कत्लेआम किया जा रहा है और हिंदू महिलाओं के साथ उनके पिता, पति और भाइयों के सामने बलात्कार किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में केवल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट में प्रथम स्थान बनाए रखने के लिए भारत और बांग्लादेश के बीच क्रिकेट टेस्ट श्रृंखला का आयोजन करना पाखंड की पराकाष्ठा है और देशवासियों को इस श्रृंखला के प्रायोजकों के उत्पादों का बहिष्कार करना चाहिए। यह आह्वान वीर सावरकर के पोते और स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर ने किया है।
दुस्साहस की पराकाष्ठा
रणजीत सावरकर ने कहा, “बांग्लादेश में हिंदुओं का कत्लेआम किया जा रहा है। लड़कियों और महिलाओं के साथ उनके पति, पिता, बेटे और भाइयों के सामने बलात्कार किया जा रहा है। धार्मिक स्थलों को नष्ट किया जा रहा है। गणेशोत्सव और दुर्गा पूजा पर सख्त पाबंदियां लगाई जा रही हैं और भारत के लिए ऐसे माहौल में इस श्रृंखला का आयोजन करना दुस्साहस की पराकाष्ठा है।”
रणजीत सावरकर ने गुस्से प्रकट करते हुए कहा, “श्रृंखला का आयोजन एक प्रकार का क्रूर उपहास है और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का नंबर एक स्थान बनाए रखने के लिए इस श्रृंखला का आयोजन करना पाखंड की पराकाष्ठा है।”
देशभक्तों से आह्वान
स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर ने इस सीरीज का बहिष्कार किया है और उत्साही देशभक्तों, राष्ट्रीय समाचार पत्रों और मीडिया से भी सीरीज का बहिष्कार करने का आह्वान करते हुए कहा है, “अगर सीरीज रद्द नहीं की जाती है तो अपने नजदीकी क्रिकेट संघ के पदाधिकारियों से मिलें और उनसे जवाब मांगे। इसी तरह, उन कंपनियों के उत्पादों का बहिष्कार करें, जो श्रृंखला को प्रायोजित कर रहे हैं।”
सावरकर ने आगे कहा, “इद्रै स्वाहा, तक्षकाय स्वाहा, यही हमारी संस्कृति का आदेश है, महाभारत में उपदेश दिया गया है कि यदि स्वयं इंद्र भी विषैले तक्ष की सहायता के लिए आते हैं, तो उन्हें भी बलिदान कर देना चाहिए!”
वित्तीय बहिष्कार जरुरी
भारत और बांग्लादेश के बीच क्रिकेट टेस्ट सीरीज 19 सितंबर से खेली जाएगी। रणजीत सावरकर ने न्यूज चैनल सुदर्शन टीवी के कार्यक्रम ‘बिंदासत बोल’ में कहा कि ”भारतीय लोगों को इस टेस्ट सीरीज (भारत बांग्लादेश टेस्ट सीरीज) का बहिष्कार करना चाहिए। बांग्लादेश का आर्थिक बहिष्कार किया जाना चाहिए। इस क्रिकेट मैच के माध्यम से, हम न केवल उन्हें पहचान दे रहे हैं, बल्कि हम वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रहे हैं। ”
‘हिंदू मारे गए, ये इतिहास है’
उन्होंने कहा,” 1946 में बांग्लादेश के नोआखाली और टिपरा जिलों में कोई हिंदू नहीं बचा था। हम सब इतिहास भूलते जा रहे हैं। इसके बाद 1971 से पहले पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना ने हिंदुओं पर अत्याचार किए। इसलिए 1971 में प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान पर हमला किया और उसे दो भागों में विभाजित कर दिया। आज इतने सालों बाद भारत की जमात-ए-इस्लामी, पाकिस्तान की जमात-ए-इस्लामी और बांग्लादेश की जमात-ए-इस्लामी एक साथ आए हैं।” रणजीत सावरकर ने यह भी कहा कि एक कुटिल साजिश के तहत बांग्लादेश में सरकार बदली गई, मौजूदा सरकार हिंदू विरोधी है, भारत विरोधी है।
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आठ करोड़ हिंदू मारे गए
1947 से अब तक बांग्लादेश और पाकिस्तान में लगभग 8 करोड़ हिंदू मारे जा चुके हैं। हिंदुओं ने इसके विरुद्ध एक शब्द भी नहीं उठाया। 1989 में कश्मीर में जितनी हत्याएं हुई थीं, उससे कहीं ज्यादा हत्याएं आज बांग्लादेश में हो रही हैं. यह हिंदू धर्म पर हमला है. रंजीत सावरकर ने यह भी कहा कि हमारी सरकार ने वादा किया था कि हम बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की रक्षा करेंगे और सरकार को इसे पूरा करना चाहिए।
“देशद्रोहियों की मदद न करें”
रणजीत सावरकर ने कहा, “अफगानिस्तान, बांग्लादेश में कुछ भी हो, दो राजनीतिक दलों के बीच विवाद हो या कोई घटना हो, वहां हिंदू मारे जाते हैं। हमारे देश में भी CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ था, जिसमें सिर्फ हिंदू ही मारे गए थे। जब तक हिंदू जागरूक नहीं होंगे, ऐसा होता रहेगा। मैं हिंदुओं से अपील करता हूं कि हमारे पास एक ही हथियार है, वह है वित्तीय सहायता। हमारा पैसा कभी भी दुश्मन देशों के पास नहीं जाना चाहिए। हिंदुओं को ऐसी प्रतिज्ञा लेनी चाहिए। आपको उनसे मेलजोल नहीं रखना चाहिए। खेल को लेकर भावुक हुए बिना हमें भारत-बांग्लादेश टेस्ट सीरीज का बहिष्कार करना चाहिए। रणजीत सावरकर ने अपील की कि वे गद्दार हैं और उनसे कोई संबंध नहीं रखना चाहिए।