शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के सांसद राजन विचारे की पुलिस सुरक्षा कम किए जाने का समर्थन मंगलवार को ठाणे पुलिस ने बॉम्बे हाईकोर्ट में किया है। ठाणे जिले के पुलिस उपायुक्त श्रीकांत परोपकारी ने हाई कोर्ट में हलफनामा पेश करते हुए कहा कि पुलिस की सुरक्षा जरुरत के अनुसार दी जाती है, न कि व्यक्ति के अधिकार के अनुसार। परोपकारी ने कहा कि सांसद राजन विचारे की पुलिस सुरक्षा कम करने का सरकार का निर्णय सही था। हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 21 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी है।
राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद शिवसेना उबाठा के सांसद राजन विचारे की पुलिस सुरक्षा में कटौती कर दी गई थी। इसी वजह से राजन विचारे ने वकील नितीन सातपुते के माध्यम से बाम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायाधीश ए एस गडकरी और न्यायाधीश पी डी नाइक की खंडपीठ के समक्ष हो रही थी। हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को इस संबंध में हलफनामा पेश करने का आदेश जारी किया था।
ठाणे पुलिस ने पेश किया शपथ पत्र
14 फरवरी को ठाणे पुलिस की ओर से पुलिस उपायुक्त श्रीकांत परोपकारी ने हलफनामा पेश किया था। परोपकारी ने कोर्ट को बताया कि किसी भी व्यक्ति को सुरक्षा उसे मिलने वाली धमकी के आधार पर दी जाती है। इससे पहले राजन विचारे को दिन और रात में कुल चार पुलिसवालों की सुरक्षा दी गई थी। इस समय राजन विचारे को दिन और रात में कुल दो पुलिस वालों की सुरक्षा दी गई है। श्रीकांत परोपकारी ने कहा कि “एक व्यक्ति न तो अधिकार के रूप में पुलिस सुरक्षा का हकदार है और न ही इसे निश्चित रूप से दिया जा सकता है।” इसके बाद हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई 21 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी है।