बॉम्बे हाई कोर्ट ने अभिनेत्री कंगना रनौत के कार्यालय में की गई तोड़फोड़ पर सुनवाई के दौरान मुंबई महानगरपालिका को फटकार लगाई है। कोर्ट ने इस मामले में न सिर्फ तोड़क कार्रवाई को गलत बताया है, बल्कि यह कार्रवाई करनेवाले लोगों को हर्जाना भरने का भी आदेश दिया है। हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा है कि कोर्ट कंगना के बयानों का समर्थन नहीं करता है। कंगना ने अपने बयान में मुंबई को असुरक्षित जगह और पीओके बताया था। कोर्ट की इस फटकार के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या बीएमसी के इस मामले से संबंधित अधिकारियों पर गाज गिरेगी?
When individual stands against the government and wins, it’s not the victory of the individual but it’s the victory of the democracy.
Thank you everyone who gave me courage and thanks to those who laughed at my broken dreams.
Its only cause you play a villain so I can be a HERO. https://t.co/pYkO6OOcBr— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) November 27, 2020
क्या है मामला
मुंबई स्थित पाली हिल में बने उनके कार्यालय पर की गई तोड़क कार्रवाई के खिलाफ कंगना की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। कंगना ने इस मामले में दो करोड़ रुपए का हर्जाना भी मांगा था। बीएमसी ने 9 सितंबर को कंगना के ऑफिस में कुछ निर्माण को अवैध बताते हुए तोड़क कार्रवाई की थी। हालांकि बाद में कोर्ट ने बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। जिस समय यह कार्रवाई की गई थी, उस समय कंगना रनौत मुंबई में मौजूद नहीं थी। बीजेपी विधायक अतुल भातखलकर ने कोर्ट के इस फैसले पर ट्विट किया है, ‘कंगना के नुकसान की भरपाई मुख्यमंत्री से वसूल करो।’
Join Our WhatsApp Communityकंगना प्रकरणी 'उखाड दिया' ची नुकसानभरपाई मुख्यमंत्र्यांच्या खिशातून वसूल करावी…
सूडाच्या राजकारणाचा भुर्दंड सरकारी तिजोरीतून कशाला???@OfficeofUT
— Atul Bhatkhalkar (@BhatkhalkarA) November 27, 2020