मां काली को मांसाहारी और शराबी कहने वाली तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को राज्य के विभिन्न जिलों में विश्व हिंदू परिषद की ओर से विरोध रैली निकाली गई। जगह-जगह थाने और पुलिस मुख्यालयों के सामने संगठन के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी कर विरोध जताया है।
दूसरी ओर बजरंग दल ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को भड़काने और समाज में हिंसा भड़काने की कोशिश का आरोप लगाकर लिखित शिकायत दर्ज कराई है। संगठन ने इसे प्राथमिकी में तब्दील करने की गुहार भी लगाई है। पूर्व बर्धमान के मेमारी थाना प्रभारी को बजरंग दल के बर्धमान जिले के संयोजकता तापस विश्वास ने लिखित शिकायत दी है। अपने आवेदन में उन्होंने कहा है कि महुआ मोइत्रा ने मां काली को शराबी और मांसाहारी जानबूझकर कहा है ताकि हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाया जाए। उनका इरादा समाज में भेदभाव और हिंसा फैलाने का था इसलिए उनके खिलाफ भारतीय दंड विधान की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।
तारापीठ मंदिर के सचिव तारामय मुखर्जी ने की निंदा
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने तारापीठ मंदिर के सचिव तारामय मुखर्जी का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वs महुआ मोइत्रा की बयान की आलोचना कर रहे हैं। पार्टी ने अपने ट्वीट के साथ लिखा है कि तारापीठ मंदिर के सचिव तारामय मुखर्जी ने तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा के मां काली पर दिए गए बयान की निंदा की है। तारामय ने कहा है कि जिस तरह से महुआ ने मां काली को शराबी और मांसाहारी कहा है, उससे निश्चित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा है। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। ऐसा कहीं नहीं लिखा है देवी भी मांस और शराब का सेवन करती हैं। शास्त्रों में ऐसा कहने की भी अनुमति नहीं है। देवी को एक पेय अर्पण करने का रिवाज है लेकिन उसे शराब नहीं कहा जा सकता। भाजपा ने कहा है कि आखिर ममता बनर्जी महुआ मोइत्रा को कब तक बचाएंगी।