दिल्ली के बॉर्डर पर एक साल से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा कर दी है। अब 11 दिसंबर से सिंघु बॉर्डर,गाजीपुर बॉर्डर समेत सभी स्थानों से आंदोलनकारी किसानों की घर वापसी शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही किसान संगठन के नेताओं ने 13 दिसंबर को अमृतसर स्वर्ण मंदिर में अरदास करने का ऐलान किया है।
दो दिन पहले ही सरकार की ओर से प्राप्त प्रस्ताव पर किसान संगठनों में सहमति बन गई थी, लेकिन उन पर 9 दिसंबर को एक बार फिर से चर्चा करने का निर्णय लिया गया था। इस चर्चा में किसान संगठनों के 200 से अधिक प्रतिनिधि मौजूद थे। किसान आंदोलन समाप्ति की घोषणा के बाद आंदोलन स्थल से टेंट उखड़ने लगे हैं और लंगर के सामान भी ट्रैक्टरों पर लादे जाने लगे हैं।
11 दिसंबर से घर वापसी
संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि बलबीर सिंह राजेवाला ने इस बारे में बताया कि अब हमारी 15 जनवरी को एक समीक्षा बैठक होगी। उस बैठक में आंदोलन से हमने क्या पाया और सरकार ने हमारी कितनी मांगें मानीं, इस बारे में विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान 11 दिसंबर से अपना घर लौटना शुरू कर देंगे। इसके साथ ही 15 दिसंबर को पंजाब में भी सभी मोर्चे खत्म हो जाएंगे। राजेवाला ने कहा कि हम उन सभी लोगों को धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने हमारी इस लंबी लड़ाई का समर्थन किया।
सरकार के प्रस्ताव भेजे जाने के बाद बनने लगी थी बात
किसान संगठनों और सरकार के बीच इस हफ्ते की शुरुआत से ही बात चल रही थी। 7 दिसंबर को सरकार ने किसानों को एक प्रत्साव भेजा था। इसमें एमएसपी पर कमेटी बनाने, मुआवजे पर सैद्धांतिक सहमति और आंदोलन खत्म करने पर दर्ज मामलों को वापस लेने की बात कही गई थी। इस पर किसानों ने आपत्ति जताई थी और कहा था कि दर्ज मामले आंदोलन समाप्त करने से पहले वापस लिए जाएं। इसके बाद सरकार ने नए प्रस्ताव में मामले तत्काल प्रभाव से वापस लेने की बात कही। सरकार के इस प्रस्ताव पर किसान नेताओं ने सहमति जताई औह आंदोलन समाप्त करने का निर्णय लिया।