प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 दिसंम्बर को पिंडरा करखियांव में बनास काशी संकुल (अमूल प्लांट ) की आधारशिला रखेंगे। लगभग 475 करोड़ की लागत से बनने वाली ये परियोजना जब पूर्ण होकर शत—प्रतिशत कार्य करने लगेगी तो न केवल करखियांव वरन वाराणसी सहित आसपास के जनपदों के किसानों और दुग्ध विक्रेताओं के जीवन में खुशहाली आना तय है।
अमूल प्लांट से शहरियों के दुग्ध की समस्या का समाधान भी होगा। इससे पूर्वांचल में दुग्ध क्रांति तो होगी ही पूर्वांचल के हजारों युवाओं और किसानों को रोजगार मिलेगा। भाजपा के प्रदेश सह प्रभारी सुनील ओझा का कहना है कि नींव रखने के दो साल के अंदर ही प्लांट बनकर तैयार हो जायेगा और कार्य भी शुरू हो जायेगा। करखियांव एग्रो फूड पार्क में 30 एकड़ क्षेत्रफल में प्लांट बन जाने से पशुपालकों को लाभ होने के साथ उनकी आर्थिक स्थिति भी संवर जायेगी।
प्लांट के शुरू होते—होते प्लांट के अफसर आसपास के गांव में दूध कलेक्शन सेंटर खोले और दूध क्रय समिति बनायेंगे। बताते चलें कि साल 2013 में अमूल प्लांट की स्थापना की प्रक्रिया शुरू हुई थी। जमीन भी चिह्नित कर ली गई थी। लेकिन यूपीसीडी के साथ मुआवजे की राशि को लेकर अमूल व यूपीसीडा के बीच मामला न्यायालय में चला गया था। स्थितियां अनुकूल होते ही इसके निर्माण की प्रक्रिया में तेजी आई। अमूल प्लांट से पूर्वांचल के अन्य जिलों के पशुपालकों को भी फायदा होगा। अमूल दुग्ध प्लांट से यहां मट्ठा, मक्खन और दही जैसे दूध के उत्पाद भी आम जनों को उपलब्ध कराए जाएंगे।
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