नगालैंड से पहली महिला सदस्य ने की राज्यसभा की अध्यक्षता, बताया गर्व का क्षण

राज्यसभा की अध्यक्षता करते हुए मैं बेहद गौरवान्वित, विनम्र और अभिभूत महसूस कर रही हूं। खुशी है कि संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022 सदन द्वारा पारित होने के साथ यह सार्थक रहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में आज महिलाओं को राजनीति और नेतृत्व में उचित सम्मान और स्थान दिया जा रहा है।

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इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण को रेखांकित करते हुए, राज्यसभा में नगालैंड से पहली महिला सदस्य, फांगनोन कोन्याक ने आज सदन की अध्यक्षता की। इससे पहले उन्होंने 17 जुलाई, 2023 को उपाध्यक्षों के पैनल में नियुक्त होने वाली पहली महिला सदस्य बनकर इतिहास रचा था।

फांगनोन कोन्याक ने इस उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़ के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट संदेश में कहा कि आज राज्यसभा की अध्यक्षता करते हुए मैं बेहद गौरवान्वित, विनम्र और अभिभूत महसूस कर रही हूं। खुशी है कि संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022 सदन द्वारा पारित होने के साथ यह सार्थक रहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में आज महिलाओं को राजनीति और नेतृत्व में उचित सम्मान और स्थान दिया जा रहा है। इस अवसर के लिए राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ को मेरा हृदय से आभार।

लैंगिक समानता लाने के प्रति एक उल्लेखनीय कदम के रूप में, राज्यसभा के सभापति, जगदीप धनखड़ ने पिछले सप्ताह चार महिला सदस्यों (कुल संख्या का 50%) को उपाध्यक्षों के पैनल में नामित किया था।

यह भी उल्लेखनीय है कि पैनल में नामांकित सभी महिला सदस्य पहली बार सांसद बनी हैं। मानसून सत्र से पहले पुनर्गठित पैनल में कुल आठ नाम हैं, जिनमें से आधी संख्या महिलाओं की है। उच्च सदन के इतिहास में यह पहली बार है कि उपाध्यक्षों के पैनल में महिला सदस्यों को समान संख्या में प्रतिनिधित्व दिया गया है।

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