नारायण राणे केंद्रीय मंत्री और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। उनके और ठाकरे परिवार के बीच जारी विवाद कई सालों से महाराष्ट्र की राजनीति में चर्चा का विषय रहा है। नारायण राणे के शिवसेना छोड़ने के बाद से ही ही यह विवाद जारी है और यह दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। राणे लगातार शिवसेना और खासकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हमला कर रहे हैं। हाल ही में राणे के जन अर्शीवाद यात्रा दौरे के दौरान राणे की टिप्पणी ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया था। प्रदेश के लोगों ने देखा कि दोनों के बीच विवाद किस हद तक जा सकता है। लेकिन एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन राणे और ठाकरे एक मुद्दे पर सहमत हो गए हैं।
साढ़े तीन घंटे में मुबंई से सिंधुदुर्ग की यात्रा
प्रदेश के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे का वर्ली निर्वाचन क्षेत्र और सिंधुदुर्ग जिला राणे का गढ़ है। सिंधुदुर्ग में आज भी राणे का दबदबा देखा जा सकता है। अब साढ़े तीन घंटे में आदित्य ठाकरे के वर्ली विधानसभा से राणे के सिंधुदुर्ग जिले में जाना संभव होगा।
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2027-28 में प्रोजक्ट पूरा करने का लक्ष्य
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम ने मुंबई-सिंधुदुर्ग ग्रीन फील्ड कोंकण एक्सप्रेसवे की परियोजना शुरू की है। एमएसआरडीसी का लक्ष्य परियोजना की डीपीआर तैयार करने के साथ-साथ सर्वेक्षण कार्य कर अगले दो वर्षों में परियोजना को शुरू करने का है। अगर परिवहन सेवा में इस परियोजना को शामिल कर लिया जाता है तो मुंबईवासी महज साढ़े तीन घंटे में वर्ली एलिवेटेड रोड से सीधे सिंधुदुर्ग पहुंच सकेंगे। परियोजना की रूपरेखा तैयार करने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी से काम शुरू कर दिया गया है।
दो साल में प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य शुरू करने की योजना
एमएसआरडीसी के प्रबंध निदेशक राधेश्याम मोपलवार ने बताया कि परियोजना की रुपरेखा एक साल के भीतर पूरी हो जाएगी और अगले दो वर्षों में वित्तीय, प्रशासनिक मंजूरीत तथा अन्य सभी मंजूरी के साथ प्रोजेक्ट का काम शुरू होगा। एमएसआरडीसी ने काम शुरू होने के बाद चार से पांच साल में काम पूरा करने की योजना बनाई है यानी एक्सप्रेसवे के 2027-28 में लॉन्च होने की उम्मीद है।