फिल्म द कश्मीर फाइल्स के रिलीज होने के बाद जम्मू-कश्मीर विस्थापित कश्मीरी पंडितों का दर्द एक बार फिर लोगों के सामने आ गया है। इसके साथ ही इसका असर समाज के हर क्षेत्र में देखा जा रहा है। हालांकि देश के विपक्षी नेता इसे लेकर तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की राजनीति में भी इसका असर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से देखा जा रहा है।
इसी क्रम में जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस को जोर का झटका लगा है। यहां के दिवंगत महाराजा हरि सिंह के पोते और कर्ण सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर कांग्रेस को करार झटका दिया है।
“राष्ट्रहित को प्रतिबिंबित करते हैं मेरे विचार”
विक्रमादित्य सिंह ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर उनके विचार राष्ट्र हित को प्रतिबिंबित करता है, लेकिन ये कांग्रेस के स्टैंड से मेल नहीं खाता। उन्होंने कांग्रेस पर सच्चाई से दूर जाने का आरोप लगाया। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे अपने पत्र को सार्वजनिक करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया है। सिंह 2019 में उधमपुर पूर्व से चुनाव हार गए थे। उन्हें केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मात दी थी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा,”मेरा मानना है कि कांग्रेस प्रदेश की जन भावनाओं को समझने में असफल रही है।”
I hereby tender my resignation from the Indian National Congress.
My position on critical issues vis-à-vis Jammu & Kashmir which reflect national interests do not align with that of the Congress Party. @INCIndia remains disconnected with ground realities. @INCJammuKashmir pic.twitter.com/g5cACgNf9y
— Vikramaditya Singh (@vikramaditya_JK) March 22, 2022
इन मुद्दों पर लिया था पार्ट लाइन से अलग स्टैंड
सिंह 2018 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा,” मैंने तब से अब तक जम्मू-कश्मीर के कई मुद्दों पर राष्ट्रहित का साथ दिया, मेरा ये रुख कांग्रेस से बिलकुल अलग था।” पाकिस्तान के बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक, जम्मू-कश्मीर में विलेज डिफेंस कमिटीज के पुनर्विकास, अनुच्छेद- 370 हटाने और लद्दाख को अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाने जैसे मुद्दों पर सिंह का स्टैंड कांग्रेस से अलग था। इसके साथ ही उन्होंने गुपकार गठबंधन की भी आलोचना की थी।
भारत तेजी से बदल रहा हैः विक्रमादित्य सिंह
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भारत तेजी से बदल रहा है और अगर कोई पार्टी या उसका नेतृत्व नहीं बदलता है तो उसे बच पाना मुश्किल है।
कर्ण सिंह हैं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
सिंह के पिता कर्ण सिंह जम्मू-कश्मीर के सदर-ए-रियासत रह चुके हैं। तीन बार बीएचयू के चांसलर रहे कर्ण सिंह जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के साथ ही राज्य सभा सांसद और इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के अध्यक्ष भी रहे है। वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं।
विक्रमादित्य सिंह की शिक्षा और व्यक्तिगत जीवन
-विक्रमादित्य सिंह की मां यशो राज्य लक्ष्मी नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री शमशेर जंग बहादुर राणा की पत्नी हैं।
-वे हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित तारागढ़ पैलेस होटल के एमडी भी हैं।
-यूनिवर्सिटी ऑफ साउथर्न कैलिफोर्निया से अपनी शिक्षा पूरी की है।
-उनकी शादी माधवराव सिंधिया की बेटी और वर्तमान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बहन चित्रांगदा से हुई है।
-2017 में उनकी बेटी मृगांका की शादी पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पोते से हुई है।
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