BJP: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकते हैं। इसकी चर्चा जोरों पर चर्चा है।
पिछले दिनों लखनऊ में बीजेपी की कार्य समिति की बैठक में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दिए गए बयान ने इसको हवा दी है। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि संगठन सरकार से बड़ा होता है।संगठन से बड़ा कोई नहीं होता है। संगठन सरकार से बड़ा होता है और हमेशा बड़ा रहेगा।
केशव प्रसाद मौर्य की ताकत
केशव प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश की राजनीति में ओबीसी के सबसे बड़े नेता हैं। इसी वजह से बीजेपी उन पर भरोसा करती है। मौर्य को राज्य में मौर्य और कुशवाहा वोटर को साधने के लिए भी पार्टी ने उनको चुनाव हारने के बाद भी उप मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी। गैर यादव वोटर को एकजुट करने में भी केशव प्रसाद मौर्य का योगदान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। उत्तर प्रदेश में ओबीसी वोटर की हिस्सेदारी तकरीबन 45 प्रतिशत है। मौर्य और कुशवाहा मतदाताओं पर मौर्य की मजबूत पकड़ है, जबकि ओबीसी का दूसरा वोट बैंक यादव समाजवादी पार्टी की समर्थक माना जाता है। इसलिए ओबीसी को लुभाने के लिए बीजेपी उनको नजर अंदाज नहीं कर पाती।
2017 में भाजपा ने किया था शानदार प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश में 14 साल से भाजपा सत्ता से बाहर रही लेकिन वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बढ़िया प्रदर्शन किया। बीजेपी को करीब 325 सीटें मिली थी। तब केशव प्रसाद मौर्य बीजेपी के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष थे। हालांकि योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद मिला और केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी मुख्यमंत्री पद से ही संतोष करना पड़ा।
बार-बार संगठन की बात, एक्स पर पोस्ट
केशव प्रसाद मौर्य ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के बाद वह लगातार ट्वीट कर रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर अपनी बात को दोहराया और कहा कि सरकार से बड़ा संगठन होता है। कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है। संगठन से बड़ा कोई नहीं । कार्यकर्ता ही गौरव है।
भाजपा को क्या होगा लाभ?
बीजेपी के सूत्रों के अनुसार केशव प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर बीजेपी ओबीसी वोट बैंक को साधना चाहती है और अखिलेश यादव के पीडीए के समीकरण को ओबीसी फैक्टर से पटकनी देना चाहती है। राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी उनको रिपोर्ट करना पड़ेगा। समझा जा रहा है कि संगठन की बात कर केशव प्रसाद मौर्य दबाव की राजनीति कर रहे हैं। बीजेपी उनको किसी भी सूरत में नाराज नहीं कर सकती है।