AB-PMJAY: आयुष्मान योजना में बुजुर्गों की उम्र और राशि को लेकर संसदीय समिति ने की ये सिफारिश

58

AB-PMJAY: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पर संसदीय स्थाई समिति ने 2025-26 के लिए अपनी अनुदान मांग रिपोर्ट जारी कर दी है। प्रो. राम गोपाल यादव की अध्यक्षता में समिति ने इसमें आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के दायरे को व्यापक बनाने की सिफारिश की है। इसके तहत आयुष्मान वय वंदन कार्ड के लिए 70 वर्ष और उससे अधिक की आयु की पात्रता सीमा को घटाकर 60 वर्ष करने की सिफारिश की गई है। इसमें कहा गया गया है कि इसके लिए लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति आड़े नहीं आनी चाहिए।

समिति ने सरकार द्वारा हाल ही में एबी-पीएमजेएवाई वय वंदन योजना के अंतर्गत 4.5 करोड़ परिवारों को तथा 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को शामिल करने की सराहना की है। समिति ने पाया कि आयुष्मान वय वंदन कार्ड धारक 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के उपचार के लिए 1443.00 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। समिति का मानना ​​है कि आम जनता के बेहतर हित में योजना के कवरेज को व्यापक बनाने के लिए आयुष्मान वय वंदन कार्ड के लिए 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के मानदंड को उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर ध्यान दिए बिना 60 वर्ष और उससे अधिक तक युक्तिसंगत बनाया जाना चाहिए।

जन जागरूकता अभियान शुरू
समिति ने विभाग को एबी-पीएमजेएवाई के बारे में जन जागरूकता अभियान शुरू करने की भी सिफारिश की है ताकि योजना के लक्षित लाभार्थी कवरेज से वंचित न रह जाएं। समिति ने सिफारिश की है कि महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा पर भारी व्यय को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य सेवा कवरेज को मौजूदा 5 लाख रुपये प्रति परिवार प्रति वर्ष से संशोधित कर 10 लाख रुपये प्रति परिवार प्रति वर्ष करना चाहिए।

पैकेजों-प्रक्रियाओं की संख्या की समीक्षा की सिफारिश
समिति ने यह भी पाया कि कई उच्च-स्तरीय हस्तक्षेप अथवा प्रक्रियाएं और यहां तक ​​कि उच्च-स्तरीय निदान भी एबी-पीएमजेएवाई में शामिल नहीं हैं। समिति ने सिफारिश की है कि योजना के अंतर्गत कवर किए गए पैकेजों-प्रक्रियाओं की संख्या की समीक्षा की जानी चाहिए। गंभीर बीमारियों के उपचार से संबंधित नए पैकेजों-प्रक्रियाओं को, जिनमें उपचार की लागत अधिक है और रेडियोलॉजिकल डायग्नोस्टिक्स (सीटी, एमआरआई, न्यूक्लियर इमेजिंग सहित इमेजिंग) जैसी महंगी उच्च स्तरीय जांच या निदान को ऐड-ऑन पैकेज के रूप में बुक करने के बजाय एबी पीएमजेएवाई में शामिल किया जाना चाहिए।

कई राज्यों में पैकेज दरों में उचित संशोधन बाकी
समिति को एबी-पीएमजेएवाई के अंतर्गत पैनलबद्ध अस्पतालों के दावों के निपटान में देरी के मामले मिले हैं और कई राज्यों में पैकेज दरों में उचित संशोधन नहीं किया गया है। इसके परिणामस्वरूप कई पैनलबद्ध अस्पतालों द्वारा उपचार से इनकार किए जाने के कारण मरीजों को असुविधा हो रही है। इसलिए समिति का मानना ​​है कि जिन राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों ने पैकेज दरों में संशोधन नहीं किया है, उन्हें विभाग द्वारा 2022 में कुछ राज्यों द्वारा संशोधित दरों के समान पैकेज दरों में संशोधन करने के लिए राजी किया जा सकता है। उपरोक्त के अलावा समिति सिफारिश करती है कि विभाग निर्दिष्ट समय के भीतर पैनल में शामिल अस्पतालों द्वारा प्रस्तुत दावों के निपटान से संबंधित प्रक्रिया की समीक्षा करे और उसे सुव्यवस्थित करे।

Maharashtra: औरंगजेब की कब्र हटाने पर अड़ा विहिप-बजरंग दल, सरकार को दे डाली ये चेतावनी

सीजीएचएस के लिए भी सिफारिशः
समिति ने सीजीएचएस मामलों में विभाग को रेफरल प्रक्रियाओं को और सरल बनाने की सिफारिश जारी रखी है, क्योंकि बीमारी के दौरान डिस्पेंसरियों में बार-बार जाने की आवश्यकता को समाप्त करके रोगियों और उनके परिवारों पर बोझ को काफी कम करने की आवश्यकता है। समिति ने 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सीजीएचएस पेंशनभोगी लाभार्थियों को सीजीएचएस रेफरल की आवश्यकता के बिना सीधे विशेषज्ञों से परामर्श करने की अनुमति देने वाले प्रावधान पर ध्यान दिया है। हालांकि, समिति दिशानिर्देशों की आगे समीक्षा करने और सीजीएचएस लाभार्थियों को निरंतर चिकित्सा देखभाल के लिए 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी सीजीएचएस पेंशनभोगियों – लाभार्थियों को लाभ देने के लिए 155वीं रिपोर्ट में की गई अपनी सिफारिश को दोहराया है। सीजीएचएस रेफरल के बिना सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में सीधे विशेषज्ञ परामर्श की अनुमति देने से मौजूदा प्रणाली के साथ देखभाल की स्थिरता और निरंतरता सुनिश्चित होगी, जहां 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के पेंशनभोगी-लाभार्थी पहले से ही इन अस्पतालों से कैशलेस उपचार प्राप्त करते हैं।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.