दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (डीएनएलए) और असम सरकार के बीच गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ। इस अवसर पर गृह मंत्री ने कहा कि इस समझौते से असम के दीमा हसाओ जिले में उग्रवाद पूरी तरह से समाप्त हो जायेगा और असम के हिंसा में लिप्त सभी संगठनों का अंत हो गया है।
असम विकास के पथ पर बढ़ रहा आगे
दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी और असम सरकार के बीच गुरुवार को हुए समझौता ज्ञापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि अब असम शांति के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा। शाह ने कहा कि मोदी सरकार की पहल का असर है कि अब असम में सशस्त्र जनजतीय संगठन हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्य धारा में शामिल हो गए हैं।
168 से अधिक सशस्त्र कैडर ने किया आत्मसमर्पण
शाह ने कहा कि दिमासा पीपल्स सुप्रीम काउंसिल और दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी ने हिंसा छोड़ दिमासा के लोगों के हितों को सुनिश्चित करने का रास्ता चुना है। इस समझौते के परिणामस्वरूप डीएनएलए के 168 से अधिक सशस्त्र कैडर अपने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करके मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं।
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गृह मंत्री ने कहा कि समझौते के तहत असम सरकार दिमासा कल्याण परिषद की स्थापना करेगी। इसके अलावा समझौते में मुख्य रूप से संविधान की छठी अनुसूची के अनुच्छेद 14 के तहत उत्तरी कछार हिल्स स्वायत्त परिषद (एनसीएचएसी) से सटे अतिरिक्त गांवों को परिषद में शामिल करने की मांग की जांच करने के लिए एक आयोग की नियुक्ति का प्रावधान भी किया गया है।
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