हरियाणा मंत्रिमंडल में हरियाणा गैरकानूनी धर्मांतरण रोकथाम विधेयक, 2022 के मसौदे को स्वीकृति प्रदान की गई। इस विधेयक को अब विधानसभा के समक्ष पेश किया जाएगा। यह विधेयक धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने का प्रस्ताव है। इसके अनुसार गलत बयानी, बल, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन, किसी अन्य कपटपूर्ण तरीके से या शादी द्वारा या शादी के लिए प्रभावित करना अपराध है। इस मसौदा विधेयक को मंजूरी दे दी गई है।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 255, 26, 27 और 28 के तहत धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी दी गई है, जो भारत के सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करता है। इस अधिकार का उद्देश्य भारत में धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत को कायम रखना है। संविधान के अनुसार, राज्य का कोई धर्म नहीं है, राज्य के लिए सभी धर्म समान हैं और किसी भी धर्म को दूसरे पर वरीयता नहीं दी जाएगी। नागरिक अपनी पसंद के किसी भी धर्म को अपनाने और प्रचार करने के लिए स्वतंत्र हैं।
सामने आए धर्मातंरण के कई मामले
संविधान प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म को मानने, आचरण करने और प्रचार करने का मौलिक अधिकार प्रदान करता है। हालांकि, अंत:करण और धर्म की स्वतंत्रता के व्यक्तिगत अधिकार का विस्तार धर्मांतरण के सामूहिक अधिकार का अर्थ लगाने के लिए नहीं किया जा सकता है; क्योंकि धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार धर्मांतरण करने वाले व्यक्ति और जिस व्यक्ति ने धर्मांतरण की मांग की है, का समान रूप से है । फिर भी, सामूहिक और व्यक्तिगत दोनों तरह के धर्मांतरण के कई मामले सामने आए हैं।