पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर कहा कि उनकी सरकार धर्म के नाम पर हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेगी। इमरान खान ने भीड़ की हिंसा में मारे गए श्रीलंकाई मैनेजर प्रियांथा कुमारा के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में आयोजित एक शोक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसी हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को नहीं बख्शा जाएगा। सियालकोट की एक कपड़ा फैक्ट्री के महाप्रबंधक कुमारा की हाल ही में हत्या के बाद शव को सड़क पर जला दिया गया था।
पीएम खान की इस चेतावनी के बावजूद पाकिस्तान में धर्म के नाम पर जारी हिंसा बंद होने के आसार नहीं है। कहा तो यह भी जा रहा है कि इमरान खान का यह बयान दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए है। वे देश की हो रही बदनामी के कारण इस तरह के बयान दे रहे हैं।
गलत दिशा में जा रहा है पाकिस्तान
इमरान ने कहा कि सियालकोट की घटना बेहद दुखद है। उन्होंने खेद व्यक्त किया कि पाकिस्तान में लोग पवित्र पैगंबर के नाम पर दूसरों की हत्या कर रहे हैं। ईश निंदा के आरोपित जेलों में सड़ रहे हैं, क्योंकि वकील और न्यायाधीश ऐसे मामलों में सुनवाई करने से डरते हैं। इमरान ने कहा कि पाकिस्तान एकमात्र ऐसा देश है, जिसकी स्थापना इस्लाम के नाम पर हुई थी, लेकिन सियालकोट जैसी घटनाएं शर्म की बात हैं। उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से अलग दिशा में जा रहे हैं और राष्ट्र को पैगंबर के जीवन का अध्ययन करना चाहिए।
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श्रीलंका ने लिया यह निर्णय
श्रीलंका सरकार की कैबिनेट ने प्रियांथा कुमारा के निकटतम स्वजन के लिए 25 लाख रुपये (करीब 12,500 डालर) के मुआवजे की मंजूरी दी है। कैबिनेट के प्रवक्ता और मंत्री रमेश पथिराना ने कहा कि फारेन इंप्लायमेंट ब्यूरो के कर्मचारी कल्याण कोष से यह राशि प्रदान की जाएगी। यह प्रवासी कामगार के तौर पर स्थानीय अर्थव्यवस्था में दिए गए उनके योगदान के प्रति कृतज्ञता होगी।